गुजरात: रुपाणी के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री की रेस में इन नामों पर अटकलें, जाने क्या हैं समीकरण
गुजरात में चुनाव से करीब एक साल पहले भाजपा राज्य में सरकार का चेहरा बदलने जा रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अचानक पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनके उत्तराधिकारी की खोज शुरू हो गई है। गुजरात के नए सीएम पद की रेस में कौन बाजी मारेगा, इस लेकर सियासी गलियारों में अटकलें शुरु हो गई हैं। बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को गांधी नगर पहुचंने के लिए कहा गया है। अगले मुख्यमंत्री के नाम पर रविवार को पार्टी विधायक दल की बैठक में मुहर लगेगी।
पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में अगले साल होने वाले चुनाव को हर हाल में जीतना चाहती है। राज्य में राजनीतिक रूप से दबंग पाटीदार समाज को पारंपरिक रूप से भाजपा का बड़ा वोट बैंक माना जाता रहा है। माना जा रहा है कि पाटीदार समाज के किसी नेता को अगला सीएम बनाया जाएगा, जिनमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का नाम भी शामिल है। हाल ही में देश के नए स्वास्थ्य मंत्री बने मनसुख मांडविया सीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। मांडविया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्रों में शामिल हैं। उन्हें सीएम बनाकर बीजेपी युवा तुर्कों को आगे बढ़ाने के अपने दावे पर खरा उतरी सकती है। इसके पीछे जातीय समीकरण की भी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। वह गुजरात की राजनीति में अहम माने जाने वाले पटेल समुदाय से आते हैं।
इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को भी मुख्यमंत्री पद के एक सम्भावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा पुरुषोत्तम रूपाला का नाम भी रेस में बताया जा रहा है। कुछ जानकार यह भी कह रहे हैं कि पीएम मोदी किसी नए चेहरे को भी आगे करके एक बार फिर चौंका सकते हैं।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री 66 वर्षीय रुपाला पुरुषोत्तम रुपाला के सामने पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी राजनीति शुरू की खी। 1992 में जिस समय मोदी विद्यार्थी परिषद का संगठन देख रहे थे, तब रुपाला गुजरात बीजेपी में सचिव पद पर हुआ करते थे। 2016 में रुपाला को राज्य सभा के जरिए सांसद बनाया गया। वह 2016 से मोदी कैबिनेट में बने हुए हैं। उनके नाम भी रेस में बताया जा रहा है।
गुजरात सरकार में नंबर 2 डेप्युटी सीएम नितिन पटेल भी का नाम भी सीएम की रेस में खासा चर्चा में है। पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के बाद भी नितिन पटेल का दावा बहुत मजबूत था, लेकिन विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री बना देने से उन्हें मायूसी हाथ लगी थी। 65 वर्षीय नितिन पटेल राज्य सरकार में कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विश्वास मत भी है। 2016 में वह पहली बार उपमुख्यमंत्री बने।
वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल भी सीएम की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। लेकिन उऩ्होंने इस रेस में अपना नाम वापस लेने की बात कही है। पाटिल अपनी अनोखी कार्यशैली के चलते बीजेपी आलाकमान के पसंदीदा नेता बन चुके हैं। पाटिल 2019 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले सांसद हैं। अपनी खास कार्यप्रणाली के चलते वह पीएम नरेंद्र मोदी के खास नेताओं में शुमार हैं।
65 वर्षीय रूपाणी ने अगस्त 2016 में हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद पहली बार संभाला था। 2017 के चुनाव में भाजपा के अपेक्षाकृत लचर प्रदर्शन के बावजूद उन्हें दूसरी बार भी मुख्यमंत्री बनाया गया था। उनके आज पीएम मोदी के शिरकत वाले पाटीदार समाज के ही एक बड़े कार्यक्रम के अचानक बाद राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपने को लेकर रजनीतिक हलकों में अटकलों का बाज़ार गर्म है। वैसे रूपाणी को पद से हटाए जाने की अटकलें पिछले कुछ समय से गुजरात में सुनी जा रही थीं। रूपाणी ने जब इस्तीफ़ा दिया तो उनके साथ गुजरात के तीन बड़े पाटीदार नेता केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और परशोत्तम रूपाला और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद थे।