हिमाचल: दिग्गज नेता का पर्चा रह गया अधूरा, अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगी 89 साल की विद्या स्टोक्स
सोचिए, जिन्हें 8 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई हो। कद्दावर नेता हो। ऐसे में नामांकन पत्र अधूरा होने के चलते पर्चा रद्द हो जाए। होगी न हैरानी?
शिमला के ठियोग विधानसभा की सीट से कांग्रेस की कद्दावर नेता विद्या स्टोक्स का नामांकन रद्द हो गया है। अब यहां से दीपक राठौर कांग्रेस आधिकारिक प्रत्याशी होंगे।
#HimachalElections: Nomination of Congress' Vidya Stokes from Theog disqualified due to incomplete papers.
— ANI (@ANI) 24 October 2017
हिमाचल की वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्या स्टोक्स मौजूदा सरकार में सिंचाई मंत्री हैं। से 89 साल की स्टोक्स ने वैसे तो राजनीति से संन्यास का ऐलान कर चुकी थी। लेकिन भारी राजनीतिक ड्रामा के बीच उसने चुनाव लड़ने की घोषणा की।
बता दें कि कांग्रेस की ओर ठियोग सीट के लिए दो नामांकन भरे गए थे। विद्या स्टोक्स और दीपक राठौर पर्चा दाखिल किए थे। जिसे लेकर भाजपा और सीपीएम ने आवेदन पर आपत्ति जताते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की।
दोनों पार्टियों का कहना है कि एक ही पार्टी से दो उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जो कि अवैध है। मंगलवार देर शाम आयोग ने विद्या स्टोक्स का पर्चा इसलिए रद्द कर दिया, क्योंकि उनका फॉर्म-बी अधूरा था। इसमें राजनीतिक दल की ओर से आधिकारिक तौर पर चुनाव लड़ने की अनुशंसा की जाती है।
क्या है ड्रामा?
दरअसल विद्या के परिवार ने उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों को लेकर उन पर चुनाव नहीं लड़ने का दबाव डाला था। सीएम वीरभद्र ठियोग सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। बाद में वीरभद्र सिंह के इंकार के बाद स्टोक्स ने अपने पसंद के उम्मीदवार का नाम पार्टी को भेजा। लेकिन रविवार शाम को आई सूची में दीपक राठौर को टिकट दे दिया गया। सोमवार दोपहर तक दीपक राठौर का टिकट नहीं कटा तो उन्होंने कहा कि वे खुद चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इसके बाद स्टोक्स को पार्टी सिंबल जारी कर दिया गया. दीपक राठौर के पास पहले से ही पार्टी सिंबल था। फिर दोनों प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए।
स्टोक्स का सफर
अपने 43 साल के राजनीतिक करियर में विद्या स्टोक्स ने अब तक 8 विधानसभा चुनाव जीते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1974 मैं बतौर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर की थी। उन्होंने पति लालचंद स्टोक्स के निधन के बाद पहली बार ठियोग विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव जीता था। हालांकि, उनको दो बार वर्ष 1977 और 1993 में हार का सामना भी करना पड़ा। मौजूदा सरकार में मंत्री स्टोक्स विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।