एनआरसी पर चिदंबरम का केंद्र सरकार से सवाल- कब तक 19 लाख लोग रहेंगे अधिकारों से वंचित?
आईएनएक्स मीडिया मामले में जेल में बंद पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया कि अगर एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है, तो गैर-नागरिक घोषित किए गए 19 लाख लोगों के साथ कानून प्रक्रिया कैसे अपनाई जाएगी।
चिदंबरम ने सोमवार को मोदी सरकार को घरते हुए सवाल किया कि अगर बांग्लादेश को आश्वासन दिया गया है कि एनआरसी प्रक्रिया उसे प्रभावित नहीं करेगी, तो इन 19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा? कब तक ये 19 लाख लोग अनिश्चितता, चिंता और नागरिक व मानवाधिकारों के बिना रहेंगे। अगर हम महात्मा गांधी के मानवतावाद का जश्न मना रहे हैं तो हमें इन सवालों का भी जवाब देना चाहिए।
चिदंबरम ने अपने अगले ट्वीट में पूछा कि यदि एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है तो फिर उन 19 लाख लोगों के साथ कैसी कानूनी प्रक्रिया होगी जिन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया है?
बता दें कि बांग्लादेश ने शनिवार को कहा था कि असम में एनआरसी से जुड़े घटनाक्रम पर उसकी नजर है। बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया था। मीडिया से बातचीत के दौरान हक ने कहा था कि एनआरसी भारत का आंतरिक मुद्दा है, ऐसा बताए जाने के बावजूद हम नजर बनाए हुए हैं।
एनआरसी की फाइनल लिस्ट से बाहर हुए लोगों के लिए सरकार ने रखा है ये विकल्प
बता दें कि सरकार ने एनआरसी सूची से बाहर हुए लोगों के लिए भी प्रावधान कर रखा है, जिसके तहत जिन लोगों का नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट में नहीं है वे फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं। हालांकि, 120 दिनों के भीतर यह काम करना होगा। वर्तमान में असम में 100 ट्रिब्यूनल कार्य कर रहे हैं। इसके आलावा ये लोग फॉरेन ट्राइब्यूनल से उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक वे एनआरसी में जगह न मिलने पर अपील कर सकेंगे।
चिदंबरम की हिरासत अवधि 17 अक्टूबर तक बढ़ी
इस बीच पिछले हफ्ते पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में फिर से बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने चिदंबरम की हिरासत अवधि 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चिदंबरम की पेशी से पहले कोर्ट रूम की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
इसके साथ ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता चिदंबरम को जेल में घर का खाना मंगाने की इजाजत दे दी। चिदंबरम ने इसके लिए कोर्ट ने आग्रह किया था।