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03 July 2018

आखिर मोदी को क्यों कहना पड़ा, मैं कोई शहंशाह नहीं

अपनी सुरक्षा को लेकर जारी चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे “शहंशाह या शाही शासक” नहीं हैं जो लोगों से दूर रहें। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा है कि लोगों के स्नेह और उनसे बातचीत कर ही वे ताकत हासिल करते हैं।

मोदी ने कहा कि जब वह सड़कों पर स्वागत में खड़े लोगों को देखते हैं तो वे उन लोगों को देखकर कार में बैठे नहीं रह सकते। वे उनके बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं जब भी किसी दौरे पर रहता हूं, सभी उम्र और वर्ग के लोग आशीर्वाद देने और अभिवादन करने के लिए आते हैं। उनके स्नेह और लगाव को अनदेखा कर मैं अपनी कार में बैठा नहीं रह सकता। यही कारण है कि मैं हमेशा नीचे उतरता हूं और लोगों से मिलने पहुंच जाता हूं। जितना हो सके लोगों से बातचीत करता हूं।”

भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की गोलबंदी को प्रधानमंत्री ने निजी स्वार्थ के लिए किया जा रहा गठबंधन करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा विकास और सुशासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है। जिस तरह चुनाव दर चुनाव लोगों ने समर्थन दिया है उससे उम्मीद है आगे भी वे भाजपा को फिर से चुनेंगे।

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मोदी ने कहा कि 1977 में लोकतंत्र बचाने की चुनौती सामने थी। 1989 में बोफोर्स घोटाले के कारण लोगों में काफी गुस्सा था। लेकिन, आज विपक्षी दल अपने स्वार्थ और अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए महागठबंधन करना चाहते हैं, जो देशहित में नहीं है। मोदी को हटाने के अलावा उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। पूरी राजनीति सत्ता को लेकर हो रही है, जनता की भलाई के बारे में कोई नहीं सोच रहा है।

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TAGS: मोदी, महागठबंधन, सुरक्षा, राजनीति, Modi, grand opposition alliance, personal security, Politics
OUTLOOK 03 July, 2018
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