अगर गुजराल की सलाह मान लेते नरसिम्हा राव तो सिख नरसंहार से बचा जा सकता था: मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 1984 के सिख दंगों को लेकर कहा है कि यदि तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मानी होती तो दिल्ली में सिख नरसंहार से बचा जा सकता था। बुधवार को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री गुजराल की 100वीं जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में मनमोहन सिंह ने यह बात कही।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'दिल्ली में जब 84 के सिख दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस वक्त के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना जरूरी है। अगर उस सलाह पर ध्यान दिया जाता तो शायद '1984 नरसंहार’ से बचा जा सकता था।’
1984 में देश भर में हुए थे दंगे
बता दें कि 1984 में सिख सुरक्षाकर्मियों के हाथों तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे, जिनमें लगभग 3,000 सिखों की जान चली गई। दिल्ली में दंगों का प्रभाव सबसे अधिक था। कहा जाता है कि 3,000 में से 2,700 सिखों की हत्या दिल्ली में ही हुई थी।
2012 में हुआ था गुजराल का निधन
इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 1997 से लेकर 19 मार्च 1998 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। 30 नवंबर, 2012 में 92 वर्ष की उम्र में गुजराल का निधन हो गया था। गुजराल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने भी उन्हें याद किया। इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने इंद्र कुमार गुजराल की विदेश नीति की भी तारीफ की।