एनआरसी विवाद पर मायावती ने कहा, सबूत नहीं देंगे तो क्या देश से निकाल देंगे
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का दूसरा ड्राफ्ट जारी होने के बाद राजनीति गरमा गई है। सरकार की ओर से इसका बचाव किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। इसे लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस बीच इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सरकार को घेरा है। वहीं हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि असम में 40 लाख लोगों की नागरिकता को छीन लिया गया है। ये लोग पिछले काफी समय से वहां रह रहे हैं। अगर यह अपने कागजात नहीं दे पाएं हैं तो फिर क्या आप उन्हें देश से निकाल देंगे।
इससे पहले यह मुद्दा संसद में गर्माया रहा। हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के दो अन्य सांसदों में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। उधर, लोकसभा में आज रोहिंग्या शरणार्थियों का मामला उठा, जिस पर जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं बल्कि अवैध तरीके से भारत आए हैं और उन्हें देश पर कभी बोझ नहीं बनने दिया जाएगा।