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01 December 2017

पानी और पाटीदार सौराष्ट्र में लगा पाएंगे कांग्रेस की नैया पार?

गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में विधानसभा की 48 सीटें हैं। पहले चरण में नौ दिसंबर को इन सीटों पर मतदान होना है। 2012 में भाजपा ने इनमें से 32 सीटों पर सफलता हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 13 सीटें मिली थी। 11 जिलों वाले इस इलाके में इस बार कांग्रेस जल संकट, आधी-अधूरी सिंचाई परियोजनाएं और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बूते अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस की गुजरात इकाई के सचिव महेश राजपूत ने बताया कि शहरी इलाकों में लोगों को पानी मिलता है। लेकिन सौराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऐसा लगता है कि उनको हाशिए पर छोड़ दिया गया है। यही कारण है कि कांग्रेस जल संकट, अवसंरचना और ग्रामीण इलाकों में आय बेहतर करने की जरूरत जैसे बुनियादी मुद्दों को उठा रही है। इसके अलावा पार्टी को पाटीदार आरक्षण आंदोलन, किसानों की दयनीय स्थिति और सौराष्ट्र में नोटबंदी के प्रभावों का भी लाभ मिलने की उम्मीद है।  

राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में राजकोट में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई परियोजना (एसएयूएनआइ) की शुरुआत के नाम लोगों की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की। यह परियोजना अब तक पूरी नहीं हुई है, लेकिन मोदी और भाजपा ने दिखाया कि पूरी परियोजना पांच वर्ष में पूरी हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए नहर और पाइपलाइन बनाने का अहम काम अब भी अधूरा है।

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स्थानीय कांग्रेस नेताओं के अनुसार 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले एसएयूएनआइ परियोजना की घोषणा से भाजपा को बहुत बल मिला था। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि एसएयूएनआइ परियोजना पूरे सौराष्ट्र के लिए एक बड़ा वादा था। लोगों ने उनकी (मोदी की) बातों पर भरोसा करके उनको वोट दिया। इसलिए भाजपा ने सौराष्ट्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। 2012 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा भी एक चीज थी, जो एक भावनात्मक मुद्दा बन गया। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन वर्ष में चीजें बदली हैं। मोदी प्रधानमंत्री बने लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट का समाधान नहीं हुआ। नोटबंदी और जीएसटी से भ्‍ाी ग्रामीण एवं कस्बाई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

सौराष्ट्र और कच्छ के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता निदात बरोट ने बताया कि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलना भी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है। भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज करते हुए उस पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। सौराष्ट्र के लिए पार्टी के प्रवक्ता राजू ध्रुव ने कहा कि इतनी बड़ी परियोजना को पूरी तरह से पूरा करने में कुछ समय लगना स्वभाविक है। राजकोट तक पानी पहुंचने का मतलब है ‌कि जाने का मतलब है कि जल्‍द ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति श्‍ाुरू हाो जाएगी। ऐसे में अब निगाहें तीन दिसंबर को राजकोट में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की रैली पर टिकी हुई हैं। 

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TAGS: पानी, पाटीदार, सौराष्ट्र, कांग्रेस, Saurashtra, Cong, water, Patidar
OUTLOOK 01 December, 2017
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