Advertisement
05 June 2025

भारत को किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं: थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम में अपनी भूमिका को लेकर बार-बार किए जा रहे दावों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत, अमेरिकी राष्ट्रपति पद का सम्मान करता है लेकिन नयी दिल्ली ने ‘‘कभी नहीं चाहा कि वह किसी से मध्यस्थता करने के लिए कहे’’ और किसी को हमें यह बताने की जरूरत नहीं कि हमें ‘‘रुकना’’ है।

सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के नेता थरूर मंगलवार दोपहर यहां पहुंचे और प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों एवं सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। थरूर ने कहा, ‘‘मैं बस इतना कह सकता हूं कि हम अमेरिका के राष्ट्रपति के पद और अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहना चाहा।’’

उन्होंने बुधवार को यहां ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में कहा कि भारत को पाकिस्तानियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।’’ विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

Advertisement

इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी. हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और फिर यह गुयाना, पनामा, कोलंबिया एवं ब्राजील की यात्रा करके वॉशिंगटन आया।

थरूर ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म कर दे तो ‘‘हम उनसे बात कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे यह दिखाने के लिए गंभीर कदम उठाते हैं कि वे हमारे साथ सामान्य संबंध बहाल करना चाहते हैं तो हम किसी मध्यस्थ की आवश्यकता के बिना उनसे निश्चित रूप से फिर से बात कर सकते हैं।’’

थरूर ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा, इस संघर्ष के दौरान किसी भी स्थिति में भारत को इस बात की जरूरत नहीं थी कि कोई उसे रुकने के लिए कहे। किसी को भी हमें ‘‘रुकने’’ के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि हम उनसे कह रहे थे कि जैसे ही पाकिस्तान रुकेगा, हम रुकने के लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यदि उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा कि ‘आप रुक जाइए क्योंकि भारतीय रुकने को तैयार हैं’ और उन्होंने ऐसा ही किया तो यह पाकिस्तान को लेकर उनकी ओर से एक अच्छा कदम था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बस इतना ही कह सकते हैं कि हमारी बातचीत में इनमें से कुछ बातें सामने नहीं आईं।’’

थरूर ने कहा कि वह यह बात ‘‘रचनात्मक भावना’’ से कह रहे हैं। उन्हेांने कहा, ‘‘हमारे मन में अमेरिका के लिए बहुत सम्मान है, और वाशिंगटन के साथ हमारी बहुत महत्वपूर्ण, मूल्यवान रणनीतिक साझेदारी है जिसे हम किसी छोटी सी बात के कारण जोखिम में नहीं डालना चाहेंगे। हम इस समय सहयोग के कई क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं, हम उन सभी को बढ़ाने में रुचि रखते हैं। इसलिए छोटी-छोटी बातें हो सकती हैं लेकिन हम कल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।’’

थरूर से ट्रंप द्वारा लगातार किए जा रहे इस दावे पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में सवाल पूछा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की। थरूर ने इसी सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या यह ऐसा सवाल है जो कांग्रेस भारत में पूछती रहती है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रंप का फोन आने के बाद “आत्मसमर्पण” कर दिया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य देवरा ने कहा, ‘‘जहां तक राजनीतिक सवाल की बात है, तो मैं थरूर की प्रशंसा करना चाहूंगा। मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं। वह पार्टी से पहले हमेशा देश को प्राथमिकता देते हैं।’’

सूर्या ने देवरा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘बिल्कुल।’’ भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को प्रोत्साहित करने में अमेरिका की क्या भूमिका है, इस सवाल के जवाब में थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिका को यह समझ में आ गया है कि भारत का रुख बहुत स्पष्ट है कि हमारे सिर पर बंदूक तानकर कोई बातचीत नहीं होगी। ऐसा नहीं है कि हम पाकिस्तान से बात नहीं कर सकते।’’

थरूर ने कहा, ‘‘भारत वे सभी भाषाएं बोल सकता है जो पाकिस्तानी बोलते हैं। समस्या यह है कि हम उन लोगों से बातचीत नहीं करेंगे जो हमारे सिर पर बंदूक तान रहे हैं। आप उन लोगों से बात नहीं करेंगे जो आपकी कनपटी पर बंदूक तान रहे हैं। ऐसा नहीं होगा।’’ थरूर ने भारतीय दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जब भी कोई पूछता है कि क्या भारत पाकिस्तान से बात करेगा या क्या मध्यस्थता से बातचीत को बढ़ावा मिलेगा तो ‘‘हमारा जवाब बहुत स्पष्ट है। हम उन लोगों से बात नहीं कर सकते जो हमारे सिर पर बंदूक तान रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपका पड़ोसी अपने हमलावर कुत्तों के साथ आपके बच्चों पर हमला करता है और फिर कहता है, ‘चलो बात करते हैं’, तो क्या आप उनसे तब तक बात कर सकते हैं जब तक वह हमलावर कुत्तों को दूर नहीं कर देता?’’ 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था तथा 7 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए। 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई को रोकने की सहमति बनी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: India, mediation, Shashi Tharoor, 'Operation Sindoor', Donald Trump
OUTLOOK 05 June, 2025
Advertisement