राहुल गांधी ने मोदी से कहा, 'देश चाहता है डोकलाम पर बात करें'
पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के अनौपचारिक दौरे पर चीन गए हैं। एक तरफ इस यात्रा को कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है, वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी ने मोदी से कहा है, ‘देश चाहता है आप डोकलाम पर बात करें।’
कर्नाटक दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर ट्वीट किया है, 'प्रिय प्रधानमंत्री, आपकी नो एजेंडा चीन यात्रा की लाइव तस्वीरें टीवी पर देखीं। आप तनाव में दिख रहे थे। आपको कुछ याद दिलाना चाहता हूं।' इसके बाद राहुल गांधी ने डोकलाम और चीन-पाकिस्तान ऑर्थिक कॉरिडोर का जिक्र किया। राहुल ने लिखा है, 'देश चाहता है कि आप इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करें। आपको हमारा समर्थन है।'
Dear PM,
Saw the live TV feed of your “No Agenda” China visit.
AdvertisementYou look tense!
A quick reminder:
1. DOKLAM
2. China Pakistan Eco Corridor passes through POK. That’s Indian territory.India wants to hear you talk about these crucial issues.
You have our support.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 27, 2018
चीन यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम पर एक ट्वीट में निशाना साधते हुए कहा, 'मोदीजी आज वुहान में अपने दोस्त शी चिनफिंग को गले लगाएंगे। लेकिन क्या उन्हें भारत की रणनीतिक हितों की रक्षा करने का अपना कर्तव्य याद है? क्या वह चीन से डोकलाम पर सवाल पूछेंगे क्योंकि इससे भारत की सुरक्षा पर खतरा है?'
सुरजेवाला ने कहा कि चीन सिलीगुड़ी कॉरिडोर में डोकलाम के दक्षिण में 'चिकेन नेक' के पास एक नई सड़क बना रहा है, लेकिन पता नहीं क्यों पीएम मोदी को इस बात का पता नहीं है और चीन को कड़ा संदेश नहीं दे पा रहे हैं।
सुरजेवाला ने एक सैटेलाइट तस्वीर ट्वीट कर कहा कि 25 अप्रैल 2018 की यह तस्वीर बता रही है कि भारतीय सैन्य पोस्ट से कुछ मीटर दूर चीन अतिरिक्त निर्माण किया है। क्या पीएम और रक्षा मंत्री ने इस पर संज्ञान लिया है?
गौरतलब है कि पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए चीन के वुहान पहुंच गए हैं और यहां पर 24 घंटे के भीतर ही मोदी और शी जिनपिंग के बीच 6 मुलाकातें होगीं। इनमें एक मुलाकात ईस्ट लेक में बोट पर भी होनी है। इन मुलाकातों में दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ने की रणनीतिक और दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य से समीक्षा करेंगे। यह पहले ही तय हो चुका है कि इस अनौपचारिक वार्ता के दौरान न तो किसी समझौते पर हस्ताक्षर होगा और न ही कोई साझा बयान जारी होगा।