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24 October 2019

इंटरव्यू । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा बोले- 'खट्टर को हराना मुश्किल नहीं'

मनोज कुमार

कांग्रेस हाइकमान ने आपको चुनाव समिति का प्रभारी नियुक्त किया है, लेकिन लगता है जिम्मेदारी मिलने में थोड़ी देर हो गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा निकाल चुके हैं। देरी की वजह से आप चुनाव प्रचार प्रभावी तरीके से आगे बढ़ा पाएंगे?

थोड़ी देरी से सही, लेकिन पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी है। प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी शैलजा जी को दी गई है। इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार हुआ है। कांग्रेस की निराशा आशा में बदल चुकी है। लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। इसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि कांग्रेस को चुनाव में अच्छी सफलता मिलेगी और पार्टी की ही सरकार बनेगी। लोग मौजूदा भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुके हैं, चाहे वे किसान हों, मजदूर हों, कर्मचारी हों या फिर व्यापारी। खट्टर मुख्यमंत्री के तौर पर परफॉर्म नहीं कर पाए। वह नॉनपरफॉर्मिंग साबित हुए हैं।

वे कौन से मुद्दे हैं जिनके आधार पर आप उन्हें नॉनपरफॉर्मिंग साबित करेंगे?

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किसानों का मुद्दा है। किसानों से इस सरकार ने 154 वायदे किए, जबकि एक भी पूरा नहीं हुआ। किसानों की लागत बढ़ रही है। खाद, कीटनाशकों और ट्रैक्टर पार्ट्स पर टैक्स लग गया। हरियाणा में डीजल सबसे सस्ता होता था, लेकिन अब दिल्ली से भी महंगा हो गया। किसानों को वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। वे कर्ज में डूब चुके हैं। अनुसूचित जाति के लोगों को हमने 100-100 गज के तीन लाख 84 हजार प्लॉट दिए थे। खट्टर बता दें, उन्होंने एक भी प्लॉट दिया हो। हमने दाल-रोटी स्कीम चलाई, इन्होंने दाल में घपला कर दिया। हमने अनुसूचित जाति और गरीबों के बच्चों के लिए स्कीम शुरू की। इन वर्गों के बच्चों को दाखिला लेते ही स्कॉलरशिप दी गई, लेकिन इस सरकार ने उसमें भी घपला किया। कर्मचारियों को 6,000 रुपये एचआरए दिया जाना था, लेकिन सरकार ने नहीं दिया। कर्मचारी सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर हैं। उन्हें रोजाना लाठियां खानी पड़ रही हैं। व्यापारी भी परेशान हैं। कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी ने उनकी कमर तोड़ दी है। कानून व्यवस्था लचर हो गई है। पहले हरियाणा प्रति व्यक्ति आय और खेल में नंबर एक पर था। आज प्रदेश किस चीज में नंबर एक पर है, आंकड़ों से पता चल जाता है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी दस सीटें जीत लीं। आप एक भी नहीं जीत पाए। दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी हार गए। इस एकतरफा माहौल को आप कैसे बदलेंगे?

लोकसभा में मुद्दे कुछ और थे। सिर्फ हरियाणा नहीं, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में भी भाजपा ने सभी सीटें जीती थीं। लेकिन विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं। इस चुनाव में मतदाता राज्य सरकार की विफलताएं और हमारी पिछली सरकार की उपलब्धियों को देखेंगे। आज राज्य में विकास पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। 2014 तक राज्य सरकार पर 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो इस सरकार के कार्यकाल में बढ़कर 1,70,000 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान न कोई पावर प्लांट लगा न कोई और विकास हुआ है।

भाजपा अनुच्छेद 370 खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को उछाल रही है। उसने राज्य में एनआरसी लागू करने की बात कही है। वह चुनाव को राष्ट्रीय मुद्दों की तरफ ले जाने का प्रयास कर रही है। इसका मुकाबला कैसे करेंगे?

भाजपा ये मुद्दे इसलिए उठा रही है, क्योंकि इस सरकार के पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं है। 370 तो अब कोई मुद्दा ही नहीं रहा। यह कानून बन चुका है। हमने भी इसका समर्थन किया है।

भाजपा कहती है कि उसने हरियाणा की राजनीति में जाटों का वर्चस्व तोड़ दिया। उन्होंने जाट बनाम अन्य करने का प्रयास किया है?

हम जातिवाद की राजनीति नहीं करते। विकास किया तो वह 36 बिरादरियों के काम आएगा। सड़क बनी तो सभी के काम आएगी। भाजपा ने आम चुनाव में भी जातिवाद की राजनीति करने का प्रयास किया, जबकि हमारा समाज संगठित समाज है।

भाजपा इस बार, 75 पार का नारा दे रही है। उसका कहना है कि विपक्ष तो कहीं है ही नहीं?

अब विपक्ष दिखने लगा है। हरियाणा में भाजपा 90 में से 110 सीटें जीतने का दावा करती है तो करने दीजिए, उन्हें ऐसा करने से कौन रोकता है। चुनाव में जनता फैसला करेगी। हमें सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है।

चुनाव से पहले आपकी पार्टी से कई नेता भाजपा में गए हैं। क्या इससे आपके लिए चुनौतियां बढ़ी हैं?

सिर्फ हमारे यहां से लोग नहीं गए, हमारी पार्टी में भी लोग आए हैं। हाल में इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अशोक अरोड़ा ने कांग्रेस ज्वाइन की है।

टिकट वितरण का काम कब तक पूरा हो जाएगा? उम्मीदवारों की पात्रता तय की है?

हां, उम्मीदवारों के चयन के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की हैं। स्टेट इलेक्शन कमेटी और स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों के बाद टिकट वितरण का काम पूरा हो जाएगा।

भाजपा का प्रचार बहुत ही भव्य दिख रहा है। आप किस तरह उसे टक्कर दे पाएंगे?

भाजपा इमेज मैनेजमेंट की पार्टी है। वे इमेज मैनेजमेंट करें। हर जिला और हर क्षेत्र में हमारे पास उनके जैसा मजबूत ढांचा नहीं है, लेकिन हमारे कार्यकर्ता बहुत मजबूत हैं।

आपके और दूसरे नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ जांच कर रही है। क्या आप लोगों को उलझाए रखने के लिए यह किया जा रहा है? इसका क्या असर देखते हैं?

ये कार्रवाइयां राजनीतिक विद्वेष के चलते की जा रही हैं। मेरे खिलाफ केस न्यायालय में विचाराधीन है और छह साल से चल रहा है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।

जाट आंदोलन में काफी हिंसा हुई थी। यह काफी बड़ा मुद्दा रहा। क्या अब भी यह राजनीतिक मुद्दा है?

हिंसा तो पंचकूला और रामबाग में भी हुई। आरक्षण को लेकर भी हुई। इस सरकार ने तीन बार राज्य को जलाने का काम किया। इसके कार्यकाल में जानमाल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। सरकार पूरी तरह विफल रही है।

कांग्रेस गठबंधन के लिए किसी से बातचीत कर रही है? तीसरे मोर्चे की कोई गुंजाइश है?

अभी गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। न हमारी तरफ से, न किसी अन्य दल की तरफ से। इस समय राज्य में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। अन्य कोई पार्टी दिखाई नहीं दे रही है।

आपने बयान दिया था कि कांग्रेस की सरकार में चार डिप्टी सीएम होंगे?

हां, अगर हमारी सरकार बनी तो हम चार डिप्टी सीएम बनाएंगे। यह सरकार का फैसला होगा। यह घोषणापत्र में तो नहीं होगा। घोषणापत्र में होगा कि सरकार क्या करेगी।

क्या चुनाव में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसा कोई बड़ा मुद्दा है?

राज्य में बेरोजगारी 28 फीसदी पर पहुंच गई है। यह इस चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा। इतने घोटाले और भ्रष्टाचार पहले कभी नहीं हुए। माइनिंग में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला, रोडवेज की किलोमीटर स्कीम में घोटाला, बिजली और मीटर खरीद में घोटाला, दाल-रोटी स्कीम में घोटाला। घोटाले अखबारों की सुर्खियों में हैं।

संत रविदास का मंदिर तोड़ने पर दलितों का मुद्दा बना था। हरियाणा में दलित कांग्रेस को वोट देते रहे हैं। हालांकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी प्रयास करती रही है। इस बार आपको किन वर्गों से ठोस वोट मिलने की उम्मीद है?

संत रविदास को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। हमारे साथ हर वर्ग खड़ा है। किसान, दलित, पिछड़ा वर्ग और व्यापारी भी हमें वोट देंगे।

आपकी नियुक्ति के बाद कांग्रेस ने विज्ञापन देकर पूरे किए गए वायदे याद दिलाए थे। इस सरकार के कौन से वायदे पूरे हुए?

इस सरकार ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया। कर्मचारियों, किसानों से किए वायदे पूरे नहीं हुए। गांव में 24 घंटे बिजली देने और रोजगार या फिर बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा भी सरकार ने पूरा नहीं किया। हम सरकार की विफलताएं गिनाएंगे

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TAGS: interview, Former chief minister of haryana, Bhupinder Singh Hooda, It is not difficult, defeat Khattar
OUTLOOK 24 October, 2019
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