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25 June 2018

जेटली ने हिटलर से की इंदिरा गांधी की तुलना

file photo

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से की है। जेटली ने सोमवार को कहा कि इन दोनों नेताओं ने लोकतंत्र को तानाशाही में तब्दील कर दिया था।  देश में इमरजेंसी लगाए जाने के 43 साल पूरे होने पर अपने फेसबुक पोस्ट में तीन भाग वाले लेख ‘द इमरजेंसी रिविजिटेड’ के दूसरे भाग में जेटली ने कहा कि हिटलर के विपरीत इंदिरा गांधी ने एक कदम आगे बढ़कर भारत को वंशवादी लोकतंत्र में तब्दील करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लेख को अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर किया।

केंद्रीय मंत्री ने आश्चर्य जताया कि क्या चार दशक से अधिक समय पहले 25 जून 1975 को भारत में लगी इमरजेंसी की पटकथा 1933 में नाजी जर्मनी में जो कुछ भी हुआ था उससे प्रेरित थी। जेटली ने ‘द टिरैनी ऑफ इमरजेंसी’ उपशीर्षक से दूसरे भाग में लिखा कि हिटलर और श्रीमती गांधी दोनों ने कभी भी संविधान को निष्प्रभावी नहीं किया। उन्होंने गणतांत्रिक संविधान का इस्तेमाल लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने में किया। जेटली ने कहा कि कुछ ऐसे काम थे जो हिटलर ने नहीं किए, लेकिन इंदिरा गांधी ने किए। 
जेटली ने कहा कि उन्होंने मीडिया में संसद की कार्यवाही के प्रकाशन पर रोक लगा दी। हिटलर के विपरीत, श्रीमती गांधी भारत को वंशवादी लोकतंत्र  में तब्दील करने की दिशा में आगे बढ़ीं। जेटली ने कहा कि भारत और जर्मनी में प्रेस पर सेंसर लगाने के लिए कानून लगभग एक समान थे। प्रभावी रूप में आपके यहां एकदलीय लोकतंत्र था। 
आर्थिक कार्यक्रमों के संबंध में मंत्री ने हिटलर और इंदिरा गांधी के एजेंडा में समानता बताई। जेटली ने कहा कि हिटलर ने 25 सूत्री आर्थिक कार्यक्रमों की घोषणा की थी। श्रीमती गांधी ने 20 सूत्री कार्यक्रमों की घोषणा की थी। इस अंतर को पाटने के लिए संजय (गांधी) ने अपने पांच सूत्री आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रम की घोषणा की। असहमति गुनाह हो गया और चाटुकारिता पैमाना बन गया।’ 
उन्होंने कहा कि हिटलर ने इस बात को सुनिश्चित रखा कि उसके कदम संविधान के दायरे के भीतर हैं। जेटली ने कहा कि‘ श्रीमती गांधी ने अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लगाया ओर अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए और दावा किया कि देश में विपक्ष ने अव्यवस्था फैलाने की योजना बनाई थी।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों को अवैध आदेशों का पालन नहीं करने को कहा जा रहा था और इसलिए देश के व्यापक हित में भारत को ‘अनुशासित लोकतंत्र’ बनाया जाना था। 

उन्होंने कहा कि हिटलर की तरह ही इंदिरा गांधी ने संसद के ज्यादातर विपक्षी सदस्यों को गिरफ्तार करवा लिया और इस प्रकार उनकी अनुपस्थिति में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया और संविधान संशोधन के जरिए कई अप्रिय प्रावधानों को पारित करवा लिया। जेटली ने कहा कि संविधान के 42 वें संशोधन के जरिये उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति को कमतर कर दिया गया। इस शक्ति को डॉ. बीआर आंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान की आत्मा है। उन्होंने अनुच्छेद 368 में भी संशोधन किया ताकि संविधान संशोधन को न्यायिक पुनर्विलोकन के दायरे से बाहर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि नाजी नेता ने कहा था कि जर्मनी में एक ही प्राधिकारी है और वह प्राधिकारी फ्यूहरर (तानाशाह नेता हिटलर) है। जेटली ने कहा कि इसी तरह कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देवकांत बरूआ ने कहा था, ‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा।’ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लेख के लिंक को शेयर करते हुए जेटली ने इमरंजेंसी के काले दिनों की चर्चा की है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस दौरान लोगों की निजी स्वतंत्रता और हमारे संवैधानिक मूल्यों पर प्रहार किया गया था।

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TAGS: Arun Jaitley, Indira Gandhi, Adolf Hitler, Emergency, compares
OUTLOOK 25 June, 2018
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