मनमोहन सिंह पर जेपी नड्डा का पलटवार, कहा- पूर्व पीएम की टिप्पणी सिर्फ शब्दों का खेल
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा जिस पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार किया है। उन्होंने मनमोहन सिंह के बयान को शब्दों का खेल बताते हुए कहा कि वो उसी पार्टी से जुड़े हैं जिसकी सरकार के दौरान बिना लड़े ही भारतीय जमीन सरेंडर कर दी गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेना का अपमान करना बंद करे और राष्ट्रीय एकता के सही अर्थ को समझे।
नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि मनमोहन सिंह की लद्दाख पर टिप्पणी सिर्फ शब्दों का खेल है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के आचरण से किसी भी भारतीय को इस तरह के बयान पर विश्वास नहीं होग। यह वही कांग्रेस है जिसने हमेशा हमारे सशस्त्र बलों पर सावल किए हैं और उनका मनोबल तोड़ा है।
बिना लड़े सरेंडर कर दी जमीन
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'डॉ मनमोहन सिंह उसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जिसने 43,000 किलोमीटर भारतीय हिस्सा चीन के सामने सरेंडर किया है। यूपीए सरकार के दौरान निकृष्ट रणनीति देखी गई और बिना लड़े जमीन सरेंडर कर दी गई।' नड्डा ने सीधे तौर पर मनमोहन सिंह को उनका कार्यकाल याद दिलाया। नड्डा ने ट्वीट में लिखा कि आपने पीएम रहते हुए सैकड़ों स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन चीन के सामने सरेंडर कर दी। चीन ने 2010 से 2013 के बीच 600 बार से ज्यादा घुसपैठ की।
सेना का अपमान करना बंद करें
उन्होंने कहा, ‘प्रिय डॉ. सिंह और कांग्रेस पार्टी कृपया हमारी सेनाओं का बार-बार अपमान करना और उनकी वीरता पर सवाल उठाना बंद करें। आपने ऐसा एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी किया था। कृपया राष्ट्रीय एकता के सही अर्थ को समझें, विशेषकर ऐसे समय में। इसमें सुधार लाने में अब भी देरी नहीं हुई है।’ नड्डा ने कहा कि देश प्रधानमंत्री मोदी पर पूरी तरह से विश्वास करता है। 130 करोड़ भारतीयों ने परीक्षा की घड़ी में पीएम मोदी के नेतृत्व को देखा है, उन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा है।
पूर्व पीएम ने मोदी को दी थी ये नसीहत
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान जारी कर कहा कि यह समय एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होने का है। इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपना बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए। पीएम मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत के बीस साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपूतों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।