शिवराज का खतरा टला विजयवर्गीय बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव
घोटाले के कई आराेपों से घिरे शिवराज सिंह चौहान के बारे में यह कहा जा रहा था कि देर-सबेर उनकी कुर्सी चली जाएगी और प्रदेश सरकार में कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री पद से नवाजा जाएगा। लेकिन विजयवर्गीय को राष्ट्रीय राजनीति में लाकर फिलहाल शिवराज के लिए खतरा टल गया गया है। माना जा रहा है कि विजयवर्गीय को बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी भूमिका दी जाएगी। क्योंकि विजयवर्गीय इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिताने में बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं।
विजयवर्गीय के अलावा अरुण सिंह और अरुण जैन को भी पार्टी का महासचिव बनाया गया है। इसके अलावा ओम माथुर, श्याम जाजू और अविनाश राय खन्ना को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। श्याम जाजू, अनिल जैन और अरुण सिंह अभी तक पार्टी में सचिव की भूमिका निभा रहे थे। पार्टी ने सुरेश पुजारी, महेंद्र सिंह, महेश गिरी और फारुख खान को सचिव नियुक्त किया है।
अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से बड़ा फेरबदल तो हुआ था लेकिन संगठन के सभी पदों को नहीं भरा जा सका जिसको लेकर आलोचना हो रही थी। संगठन में खाली पदों के भरे जाने के बाद अब पार्टी का ध्यान इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है जिसको लेकर कयास लगाया जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
विजयवर्गीय हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के चुनाव के प्रभारी थे। उस समय उनके ऊपर कई तरह के आरोप भी लगे थे। लेकिन चुनाव प्रबंधन के माहिर विजयवर्गीय ने आराेपों की परवाह किए बिना पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में भूमिका निभाई थी।