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16 January 2019

राजद्रोह से जुड़ी आईपीसी की धारा 124ए को खत्म किया जाए: कपिल सिब्बल

file photo

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राजद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को समाप्त करने की पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि वर्तमान में इस औपनिवेशिक कानून की आवश्यकता नहीं है।

उनका यह बयान उस समय आया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दो साल पहले हुई कथित देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है जिसमें धारा 124ए भी लगाई गयी है।

सिब्बल ने ट्वीट किया, 'देशद्रोह के कानून (आईपीसी की धारा 124ए) को खत्म किया जाए। यह औपनिवेशिक है।'

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उन्होंने कहा, 'असली देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, कानून का दुरुपयोग करते हैं, हिंसा भड़काकर शांति और सुरक्षा की स्थिति खराब करते हैं।'  सिब्बल ने कहा, 'इन लोगों को 2019 (लोकसभा चुनाव) में दंडित करिये। सरकार बदलो, देश बचाओ।'

पिछले दिनों पुलिस ने दायर की चार्जशीट

जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को कथित देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को स्पेशल सेल कोर्ट में चार्जशीट दायर की। चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान सहित 10 छात्रों पर राजद्रोह (124-ए) का आरोप लगा है। जेएनयू में 2016 में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में पुलिस ने सोमवार को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस का कहना है कि कन्हैया और अन्य 9 आरोपियों के खिलाफ उन्होंने अभी तक की तफ्तीश में पुख्ता सबूत जुटाए हैं।

कब-क्या हुआ?

-9 फरवरी 2016 को दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसे सांस्कृतिक कार्यक्रम का नाम दिया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए गए। साथ ही कार्यक्रम के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वहीं छात्रों के गुटों में झड़प भी हुई।

-11 फरवरी को भारत विरोधी नारों का वीडियो मीडिया में चलने लगा, जिसके बाद दिल्ली के वसंतकुंज थाने में धारा 124ए  के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया।

-12 फरवरी को तत्कालीन जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया । जबकि, उमर खालिद अंडरग्राउंड हो गए। इसके अलावा वीडियो के आधार पर अन्य का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया।

-15 फरवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कुछ वकीलों ने कन्हैया कुमार और कुछ पत्रकारों की पिटाई कर दी।

-21 फरवरी को सभी फरार छात्र जेएनयू पहुंच गए।

-24 फरवरी 2016 को दिल्ली पुलिस ने अर्निबान भट्टाचार्य और उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया।

-27 फरवरी को देशद्रोह के मामले को स्पेशल कोर्ट भेज दिया गया।

-2 मार्च को 10 हजार रुपये के बॉन्ड पर कन्हैया कुमार को अंतरिम जमानत मिल गई।

-3 मार्च को कन्हैया को दिल्ली की अदालत ने तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश दिया

-जून 2016 को जांच में पाया गया कि देश विरोधी नारों का वीडियो असली है। वीडियो से छेड़छाड़ नहीं की गई है।

-अप्रैल 2017 को जेएनयू के 31 छात्रों को समन भेजकर पुलिस ने पूछताछ की।

-14 जनवरी 2019 को मामले में कन्हैया-अमर समेत 10 छात्रों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई।

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TAGS: Kapil Sibal, attack, modi government, JNU, KANHAIYA KUMAR, no need sedition law, misused by Centre, 124A
OUTLOOK 16 January, 2019
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