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28 October 2025

कर्नाटक हाईकोर्ट से कांग्रेस सरकार को झटका, RSS कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश रोका

कर्नाटक हाइकोर्ट की धारवाड़ पीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें बिना अनुमति के सरकारी परिसरों में 10 से अधिक लोगों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समारोहों को अवैध घोषित किया गया था।

न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने हुबली की पुनस्थेन सेवा संस्था द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक हरनहल्ली ने कहा कि सरकार ने आदेश दिया है कि दस से ज़्यादा लोगों के जमावड़े के लिए अनुमति लेनी होगी। उन्होंने इसे संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध बताया।

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हरनहल्ली ने सुनवाई के दौरान कहा, "सरकार ने आदेश दिया है कि 10 से ज़्यादा लोगों के जमावड़े के लिए अनुमति लेनी होगी। यह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध है। अगर किसी पार्क में पार्टी भी आयोजित की जाती है, तो सरकारी आदेश के अनुसार वह गैरकानूनी जमावड़ा है।"

हरनहल्ली ने आगे तर्क दिया, "सरकार ऐसा प्रशासनिक आदेश जारी नहीं कर सकती। जब पुलिस अधिनियम लागू है, तो इस नियम की क्या ज़रूरत है?"

उच्च न्यायालय की पीठ ने सरकार से पूछा, 'क्या सरकार कुछ और हासिल करना चाहती थी?'

कर्नाटक सरकार ने इस मामले पर अपनी दलील पेश करने के लिए एक दिन का समय मांगा। सरकारी वकीलों ने तर्क दिया, 'बहस के लिए एक दिन का समय दिया जाना चाहिए।'

दोनों पक्षों की दलीलों के बाद उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार, गृह विभाग, डीजीपी और हुबली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और 19(1)(बी) के तहत प्रदत्त अधिकारों को छीन लिया है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है, "राज्य सरकार, गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक, हुबली पुलिस आयुक्त को नोटिस। राज्य सरकार के 18 अक्टूबर, 2025 के आदेश को चुनौती दी गई है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि बिना अनुमति के 10 लोगों का इकट्ठा होना अपराध है।"

आदेश में आगे कहा गया है, "सड़कों, पार्कों, मैदानों, झीलों आदि में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार ने इस आदेश के माध्यम से पुलिस अधिनियम के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग किया है।"

आदेश में कहा गया है, "सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)ए, बी के तहत प्रदत्त अधिकार छीन लिया है। संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार किसी सरकारी आदेश से नहीं छीना जा सकता। इसलिए, अदालत ने आदेश दिया कि सरकारी आदेश पर रोक लगा दी गई है। सुनवाई स्थगित की जाती है।" 

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TAGS: Karnataka HC, congress government, rashtriya Swayamsevak sangh RSS, cm siddharamaiah
OUTLOOK 28 October, 2025
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