खड़गे ने एनएचआरसी अध्यक्ष सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग किया, बोले- नियुक्तियों में इस वर्ग को मिले जगह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है। उऩ्होंने समिति की सिफारिशों पर एतराज जताते हुए अपनी असहमति भी जताई।
पीएम आवास पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के पद पर नियुक्ति के लिए हुई बैठक में खड़गे ने नामों के पैनल की सिफारिश करने के समिति के फैसले पर अपने विचार रखे। उऩ्होंने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामलों में वृद्धि पर अपनी चिंता दोहराई। साथ ही प्रस्ताव किया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों से संबंधित कम से कम एक व्यक्ति को पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया जाए।
उन्होंने कहा कि, "एनएचआरसी में अध्यक्ष या सदस्य की नियुक्ति को केवल इस नाते नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में इस आशय का कोई विशेष प्रावधान नहीं है और संशोधन किए गए हैं।“ अनुसूचित जाति या और अल्पसंख्यक के नाम को शामिल करने के लिए बैठक को एक सप्ताह के लिए टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया जिसके लिए समिति की सिफारिशों से असहमति जताता हूं।