लोकपाल चयन समिति की बैठक का कांग्रेस ने किया बहिष्कार, लिखा पीएम को पत्र
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अकेली बड़ी होने के नाते सही दर्जी न दिए जाने के विरोध में लोकपाल चयन समिति की बैठक का बहिष्कार करेगी। इस बावत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।
बुधवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दायर कर 19 जुलाई को चयन समीति की बैठक होने की जानकारी दी थी। केंद्र ने हलफनामे में बताया कि अभी कोई चयन समिति नहीं है। इसलिए लोकपाल की नियुक्ति में कोई तय समय सीमा नहीं बताई जा सकती। संसद में कानून बनने के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्देश देने के बावजूद लोकपाल गठन टलता रहा है। यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान लोकपाल और लोकायुक्त बनाने की मांग काफी जोर शोर से उठी थी।
अन्ना हजारे के दबाव में संसद में लोकपाल बनाने का कानून बन भी गया लेकिन साढ़े चार साल बाद भी लोकपाल नहीं बन पाया। पहले तो कहा गया कि लोकपाल के चयन के लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत है, जो मौजूदा सरकार में नहीं है। इसीलिए लोकपाल के गठन में दिक्कत आ रही है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी कांग्रेस के सदन में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष मानते हुए लोकपाल के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाए। बावजूद इसके इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए जा सके।
19 जुलाई को होने वाली बैठक के लिए खड़गे ने पीएम को लिखे पत्र में कहा कि कांग्रेस को इसमें बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य बुलाया गया है जबकि कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस बड़ी पार्टी है और कानून में संसोधन के बाद यह स्थिति साफ हो गई है कि लोकपाल चयन समिति में कांग्रेस को स्थायी सदस्य के तौर पर बुलाया जाना चाहिए। लगातार पत्र लिखने के बावजूद सरकार लोकपाल की नियुक्ति में सरकार संजीदा नहीं दिखती और बिना समिति में सही स्थान मिले कांग्रेस बैठक में शामिल नहीं होगी।