जानिए, क्यों सिद्धारमैया ने अमित शाह को बताया 'टूरिस्ट'?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को टूरिस्ट बताया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिद्धारमैया ने शाह पर "टीपू जयंती" को लेकर विधानसभा चुनावों से पहले स्थिति को सांप्रदायिक करने के लिए "असाधारण प्रयास" करने का आरोप लगाया।
एक रैली में भाजपा प्रमुख द्वारा निशाना साधने के बाद , सिद्धारामाय्या ने दावा किया कि चुनाव ने "शाह जैसे टूरिस्ट" को लाया जो राज्य के बारे में अज्ञानता दिखाते हैं।
सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा, “चुनाव आ रहे हैं। ये अमित शाह जैसे टूरिस्ट को लेकर आ रहे हैं जो राज्य के बारे में कुछ नहीं जानते हैं और कन्नड़ राज्योत्सव को कर्नाटक महोत्सव कह रहे हैं।”
We celebrate birthdays of 26 leaders & builders of #NavaKarnataka. @AmitShah in a desperate attempt to communalize, picks on Tipu Jayanthi.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) 3 November 2017
उन्होंने कहा, “हम नव कर्नाटका के 26 निर्माताओं और नेताओं का जन्मदिन मनाते हैं लेकिन अमित शाह ने इसे सांप्रदायिक बनाने के लिए केवल टीपू जयंती का उल्लेख किया।”
उन्होंने ट्विटर पर कहा, "राज्य के लोगों ने टीपू जयंती को स्वीकार कर लिया है। टीपू देशभक्त थे। वह हिंदुओं या किसी अन्य समुदाय के खिलाफ नहीं थे।"
इससे पहले गुरूवार को अमित शाह ने कहा था, “सिद्धारमैया सरकार को कर्नाटक महोत्सव मनाने में कोई रूचि नहीं है, उन्हें 10 नवंबर को टीपू जयंती मनाने में रूचि है। टीपू जयंती मनाने और वोट बैंक की राजनीति करने से राज्य की जनता का भला नहीं होगा।”
बता दें कि 10 नवंबर को कर्नाटक सरकार टीपू जयंती मनाने जा रही है। भाजपा इस आयोजन का विरोध कर रही है, क्योंकि भाजपा 18 वीं शताब्दी के पहले मैसूर राज्य के शासक टीपू सुल्तान को एक "क्रूर हत्यारा" और एक "धार्मिक कट्टरपंथी" के रूप में देखता है, जिन्होंने लोगों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया।
साथ ही अगले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, जिसमें भाजपा सत्ता पर कब्जा करने की उम्मीद कर रही है। भाजपा ने 2008 में दक्षिण में अपनी पहली सरकार स्थापित की थी, और कांग्रेस ने सत्ता खोई थी।