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07 January 2017

रिश्तेदारों को टिकट के लिए दबाव न बनाएं नेताः मोदी

मोदी ने भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने समापन संबोधन में कहा कि गरीबों की सेवा भगवान की सेवा करने के बराबर है। उन्होंने यह कहने के लिए संस्कृत के एक श्लोक का इस्तेमाल किया कि उन्हें सत्ता, स्वर्ग या पुनर्जन्म का मोह नहीं है, वह तो केवल लोगों का दुख दर्द मिटाना चाहते हैं।

मोदी ने एक बार फिर चुनाव सुधारों पर जोर दिया और इस मामले में आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और डिजिटल अर्थव्यवस्था ने एक अधिक पारदर्शी युग की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि  भाजपा राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने में सबसे आगे रहेगी। जनता को यह जानने का अधिकार है कि हमारा वित्तपोषण कहां से आ रहा है। ऐसे में जब विपक्षी दल नोटबंदी के बाद भाजपा नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं,  मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि उन्हें आलोचनाओं का स्वागत करना चाहिए लेकिन आरोपों से विचलित नहीं होना चाहिए। मोदी ने इसके साथ ही यह रेखांकित किया कि वह बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से आए हैं और उन्होंने गरीबी में जीवन व्यतीत किया है। (एजेंसी)

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TAGS: प्रधानमंत्री, मोदी, भाजपा, नोटबंदी, कालाधन
OUTLOOK 07 January, 2017
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