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23 December 2018

तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद बोले गडकरी- नेतृत्व को हार की भी लेनी चाहिए जिम्मेदारी

तीन हिंदी भाषी प्रदेशों में हाल में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 'नेतृत्व' को 'हार और विफलताओं' की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गडकरी ने कहा, 'सफलता के कई पिता होते हैं लेकिन विफलता अनाथ है। सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं।' गडकरी पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'कभी बैंक सफलता हासिल करते हैं तो कभी उन्हें विफलता भी हासिल करनी पड़ेगी। बैंकों को दोनों परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। राजनीति में जब असफलता होती है तो कमिटी बैठती है लेकिन सफलता की स्थिति में कोई आपसे कुछ भी पूछने नहीं आता।' बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस ने बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता से बाहर कर दिया है।

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हार के लिए दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए

गडकरी ने कहा कि नेतृत्व में हार की जिम्मेदारी लेने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'संगठन के प्रति नेतृत्व की वफादारी तब तक साबित नहीं होगी, जब तक वह हार की जिम्मेदारी नहीं लेता।' भाजपा नेता ने कहा कि राजनीति में किसी राज्य या लोकसभा चुनावों में हार के बाद हारा हुआ कैंडिडेट घबराने लगता है और शिकायत करने लगता है कि उसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक नेता तभी हारता है जब या तो उसकी पार्टी कहीं चूक रही होती है या वह खुद लोगों का भरोसा जीतने में असफल होता है। गडकरी ने कहा कि हारे हुए प्रत्याशी को मेरी यही सलाह है है कि इसके लिए दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए।

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TAGS: Leadership, must own up, defeat, Nitin Gadkari, bjp, poll
OUTLOOK 23 December, 2018
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