मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास, वाराणसी की कोर्ट ने इस मामले में सुनाई सजा
वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को तीन दशक पुराने फर्जी बंदूक-लाइसेंस मामले में गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जिला सरकारी वकील विनय सिंह ने बताया, ‘न्यायाधीश अवनीश गौतम की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में दोषी ठहराते हुए मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।’
अंसारी के खिलाफ यह मामला दिसंबर 1990 में गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में भादंसं की धाराओं 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ हथियार अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।
मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालती कार्यवाही में शामिल हुआ, जहां वह वर्तमान में बंद है। मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे अंसारी ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा और यह सीट उसके बेटे अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर जीती, जिसने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं।
उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ ग़ाज़ीपुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, आगरा, लखनऊ, बाराबंकी, मऊ, आजमगढ़ और अन्य जिलों में मामले दर्ज हैं। अंसारी को अब तक कम से कम सात मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।