विपक्ष के समर्थन के साथ लोकसभा में पेश हुआ ओबीसी संशोधन बिल, अब राज्य सरकारों को मिलेगा ये हक
सोमवार को यानी आज केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पारित कर दिया गया है। इस बिल के तहत राज्यों को भी ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा। कांग्रेस समेत विपक्ष के 15 दलों ने सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले इस बिल का समर्थन किया है। सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने साझा बैठक की, जिसमें इस बिल को समर्थन देने का फैसला लिया गया।
संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा से पारित हो गया है। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले कांग्रेस समेत 15 प्रमुख विपक्षी दलों ने संसद के मानसून सत्र के आखिर पड़ाव पर पहुंचने के साथ ही सोमवार को बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की और यह फैसला किया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संशोधन विधेयक पर चर्चा में वे भाग लेंगे और इसे पारित कराने में पूरा समर्थन देंगे।
‘इस संशोधन विधेयक का हम सभी समर्थन करेंगे’
बैठक के बाद राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, ‘‘इस संशोधन विधेयक का हम सभी समर्थन करेंगे। हमारी मांग है कि इस विधेयक को पेश किया जाए और उसी वक्त चर्चा कर उसे पारित किया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे मुद्दे अपनी जगह हैं, लेकिन यह मुद्दा देशहित में है क्योंकि यह आधी से ज्यादा आबादी से जुड़ा है। हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।’’
विपक्षी दलों की बैठक में ये लोग रहे थे मौजूद
खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, लोकसभा में द्रमुक के नेता टीआर बालू, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी ये टिप्पणी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि ओबीसी लिस्ट को बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास है, जिसका केंद्र एवं राज्य सरकारों ने विरोध किया था। अब इसी मसले पर केंद्र सरकार द्वारा संविधान संशोधन बिल पेश किया जा रहा है, जिसके बाद राज्यों के पास भी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार मिलेगा।
इन्हें मिल सकता है फायदा
संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 के पारित होने के बाद राज्यों के पास ओबीसी सूची में अपनी मर्जी से जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, हरियाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल होने का मौका मिल सकता है। लंबे समय से ये जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। इनमें से मराठा समुदाय को महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरक्षण दिया भी था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को दिए फैसले में इसे खारिज कर दिया था।
संसद के दोनों सदनों में बना हुआ है गतिरोध
बता दें कि पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था। लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। सत्र का 13 अगस्त को समापन होना है।