ममता ने अमेरिका से प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर भेजने की निंदा की, मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर वापस भेजे जाने की निंदा की और इसे ‘‘शर्मनाक’’ बताया। साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान इस ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ को लेकर विरोध दर्ज कराया था।
केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए बनर्जी ने भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया और गरिमापूर्ण तरीके से उनकी वापसी सुनिश्चित नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि केंद्र को सम्मान के साथ उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग वापस लौटे, उन्हें बेड़ियों में बांधकर वापस भेजा गया। क्यों? कहा जा रहा है कि यह उनका प्रोटोकॉल है। प्रधानमंत्री जी, जब आप अमेरिका में थे (आधिकारिक यात्रा पर), तो वहां से अवैध प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर वापस भेजा गया। अलग-अलग देशों के लिए प्रोटोकॉल अलग-अलग नहीं हो सकते। मानवता सबसे ऊपर होनी चाहिए। लेकिन, क्या आपने (प्रधानमंत्री) इसके खिलाफ एक भी विरोध दर्ज कराया।’’
ममता ने उन ‘‘अमानवीय परिस्थितियों’’ पर चिंता व्यक्त की जिनके तहत निर्वासित लोगों को भारत वापस भेजा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था। उन्होंने को कहा, ‘‘निर्वासित लोगों को बेड़ियों में बांधकर वापस भेजना शर्मनाक है। यह बहुत चिंता का विषय है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को निर्वासित लोगों को ऐसे हाल में छोड़ने के बजाय उन्हें लाने के लिए अपने विमानों की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के मुद्दों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर सकती थी कि पश्चिम बंगाल के नागरिकों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे लोग तैनात होते, तो हम उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी ले सकते थे।’’
मुख्यमंत्री का यह बयान उन खबरों की पृष्ठभूमि में आया है, जिनमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल के लोगों सहित कई अवैध प्रवासियों को अमेरिका से भेजने के समय कठोर बर्ताव किया गया।