गुजरात में राज्यसभा के लिए जोड़तोड़ जारी, स्पीकर ने कहा- कांग्रेस के चार विधायकों ने दिया इस्तीफा
गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस को खरीद-फरोख्त की चिंता सता रही है। दरअसल, भाजपा ने भी अपने तीन उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इस बीच गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि चार कांग्रेस विधायकों ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि कांग्रेस अब तक इसे अफवाह बता रही थी। बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं।
पूर्व उप-मुख्यमंत्री नरहरि अमीन सहित भाजपा के तीन उम्मीदवारों के मैदान में उतरने के बाद राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है। लिहाजा गुजरात के कई कांग्रेस विधायकों को शनिवार को जयपुर शिफ्ट किया गया। कांग्रेस को डर है कि भाजपा तीसरी सीट जीतने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग कर सकती है। इसलिए कांग्रेस के 14 विधायकों को जयपुर भेजा गया। हालांकि गुजरात कांग्रेस के विधायक वीरजीभाई ठुम्मर ने पार्टी विधायकों द्वारा इस्तीफे की खबरों पर कहा, “अफवाहें व्याप्त हैं, लेकिन पार्टी से किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। विधायक सोमाभाई पटेल कल तक कांग्रेस के संपर्क में थे। मैंने कोशिश की लेकिन दूसरे विधायक जेवी काकडिया से संपर्क नहीं कर सका।
पार्टी की रणनीति के तहत जयपुर पहुंचे: कांग्रेस विधायक
विधायकों के जयपुर पहुंचने के बाद एक विधायक, हिम्मतसिंह पटेल ने कहा कि वे पार्टी की रणनीति के तहत शहर आए हैं। उन्होंने कहा, "सब कुछ ठीक है। हर पार्टी की कुछ रणनीतियां होती हैं। यह उसी का एक हिस्सा है।"
ये विधायक पहुंचे जयपुर
गुजरात के कुल 14 कांग्रेस विधायक शनिवार को अहमदाबाद से इंडिगो की फ्लाइट के जरिए जयपुर पहुंचे, जबकि गुजरात में राज्यसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर चल रही क्रॉस वोटिंग की चुनौती को रोकने के लिए पांच विधायक सड़क मार्ग से आए। 14 विधायक दिल्ली रोड स्थित शिव विलास होटल में डेरा डाले हुए हैं। वे हैं: लखभाई भारवाड़, पूनम परमार, जिनी बेन ठाकोर, चंदनजी ठाकोर, रिथविक मकवाना, चिराग कलारिया, बलदेवजी ठाकोर, नाथभाई पटेल, हिम्मतसिंह पटेल, इंद्रजीत ठाकोर, राजेश गोहिल, अजीतसिंह चौहान, हर्षद रिबदिया और प्रद्युम्न सिंह जडेजा।
विधायकों को डरा-धमका रही है भाजपा: गहलोत
मीडिया से बात करते हुए, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इन विधायकों पर बहुत मानसिक दबाव है क्योंकि भाजपा 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनावों से पहले उन्हें डराने-धमकाने के लिए पैसे और बाहुबल का इस्तेमाल कर रही है। गहलोत ने कहा, "यह इस बात की झलक है कि भाजपा कैसे कार्य करती है, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अब गुजरात के विधायकों को यहां आने और कैंप करने के लिए मजबूर करना पड़ता है। राष्ट्र में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है। मैंने पहले भी कहा था कि खरीद-फरोख्त बेशर्मी से किया जा रहा है।" विधायकों को यहां आने की जरूरत नहीं है, लेकिन भाजपा द्वारा ऐसा माहौल बनाया गया। मध्य प्रदेश के विधायकों पर नजर डालें, जो बेंगलुरु में बंद हैं। " यह पूछे जाने पर कि क्या हॉर्स ट्रेडिंग की जा रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, "यह प्रथा कर्नाटक से शुरू हुई और अब मध्य प्रदेश में जारी है। क्या आप जानते हैं कि गुजरात के विधायक यहां क्यों आए? मानसिक रूप से उन पर इतना दबाव है। सत्ता और पैसे का लालच दिया जा रहा है। उन्हें डराया जा रहा है।”