शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना
बिहार के गया जिला निवासी और गरीब भूमिहीन मजदूर दशरथ मांझी की जीवनी पर आधारित इस फिल्म की प्रशंसा करते हुए बिहारी बाबू के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता ने आज कहा कि यही बिहार का असली और मजबूत डीएनए है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने बिहार की अपनी हाल की पहली रैली में मुजफ्फरपुर में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल खड़े किए थे। तब से डीएनए शब्द लगातार चर्चा में है और विपक्षी दल इसके बहाने मोदी को घेरने का कोई मौका नहीं जाने दे रहे। मुश्किल यह है कि अब अपनी पार्टी के सांसद शत्रुघ्न ने भी मोदी की चुटकी ले ली है।
शत्रुघ्न ने ट्विट कर फिल्म मांझी-द माउंटेन मैन की तारीफ करते हुए आज कहा कि गतिशील, सच्चाई पर आधारित और सही समय पर फिल्माई गई यह फिल्म बिहार के गौरव और यहां की माटी के एक पुत्र के असली और मजबूत डीएनए को प्रदर्शित करता है। एक बार फिर नीतीश से अपनी नजदीकी दर्शाते हुए उन्होंने इस फिल्म को को बिहार में टैक्स फ्री करने के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की।
शत्रुघ्न ने इस फिल्म के नायक नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नायिका राधिका आप्टे की भी तारीफ की और कहा कि मिट्टी के बारूद नवाजुद्दीन इस सदी की खोज हैं। राधिका सौम्य और प्रशंसनीय हैं। उनकी भारी सफलता की कामना करता हूं।
वर्ष 1934 में जन्में भूमिहीन मांझी आर्थिक रूप से कमजोर महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं। उनका गांव पहाड़ के बीच होने के कारण वह सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य मूलभूत सेवाओं से वंचित थे। दुर्गम जगह पर गांव के होने पर वहां के लोग हमेशा खुद को कोसा करते थे। गहलौर के गरीब भूमिहीन मजदूर मांझी पास के जमींदारों के खेतों में काम किया करते थे। 1959 में उनकी पत्नी बीमार पड़ी तो वह सड़क के अभाव में उन्हें अस्पताल नहीं ले जा सके। इससे वह बहुत दुखी हुए। अपनी पत्नी की मौत के वियोग में अगले 22 वर्षों तक छेनी और हथौड़ी की मदद से पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने के लिए प्रयासरत रहे। आखिरकार, वह 360 फुट लंबा और 30 फुट चौड़ा रास्ता बनाने में सफल हुए।
पहाड़ को काट कर बनाए गए उस रास्ते के कारण उनके गांव की दूरी पास के वजीरगंज प्रखंड से 55 किलोमीटर से घट कर 15 किलोमीटर हो गई। मांझी की मृत्य वर्ष 2007 में हुई। उनका अंतिम संस्कार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकीय सम्मान के साथ कराया था तथा उनके गांव तक तीन किलोमीटर पक्की सड़क बनाए जाने तथा उनके नाम पर एक अस्पताल का नाम रखे जाने का निर्देश दिया। पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने के मांझी के दृढसंकल्प ने सिने अभिनेता आमिर खान को भी अपनी ओर आकर्षित किया और उन्होंने उनके गांव जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी तथा टीवी शो सत्यमेव जयते उन्हें समर्पित किया था।