मोदी का इतना नीचे तक गिरना पीएम को शोभा नहीं देता- मनमोहन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को जम कर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि विरोधियों की आलोचना करने के लिए मोदी जितना नीचे गिर रहे हैं और जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वह प्रधानमंत्री (पद) के लिए शोभा नहीं देता। यह पूरे देश के लिए भी अच्छा नहीं है।
सिंह ने कहा कि हमारे देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने विरोधियों की आलोचना करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का उपयोग नहीं किया। लेकिन मोदी दिन-प्रतिदन ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार साल के शासन के दौरान मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे जनता को राहत मिली हो। उनके हर फैसले लोगों को परेशान करने वाले रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने बेंगलूरू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री ने चुनावी सभाओं में ऐसी बात नहीं कही जैसी मोदी जी कह रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि प्रधानमंत्री सबक लेंगे और ऐसी बात नहीं करेंगे जिससे समाज का ध्रुवीकरण हो।
दावोस में मोदी के साथ था नीरव
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पीएनबी घोटाले का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामले में अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जहां तक नीरव मोदी का सवाल है तो यह स्पष्ट है कि इस मामले में 2015-16 में कुछ चल रहा था पर मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया। अगर इसमें किसी का दोष है तो वह चुनी हुई सरकार का है।
सिंह ने कहा कि आरोपी व्यापारी वर्ल्ड एकोनॉमिक फोरम की जनवरी में दावोस में हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के साथ था और ठीक इसी समय पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का खुलासा हुआ था। उन्होंने कहा कि इसके कुछ दिन बाद ही वह देश से भाग गया। यह मोदी सरकार की कार्यप्रणाली को दर्शाता है।
मोदी सरकार ने की दो भारी गलतियां
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो भारी गलतियां कींं। इसमें पहली नोटबंदी और दूसरी जीएसटी को गलत ढंग से लागू करना। अर्थव्यस्था के लिए किए गए इन फैसलों के कारण देश में लघु और मध्यम सेक्टर को सबसे बड़ा नुकसान हुआ। इसी कारण देश में लोगों को हजारों रोजगार गंवाने पड़े। पूर्व पीएम ने कहा कि देश में बैंकिंग घोटाले 1.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं।
चार साल में यूपीए सरकार की सफलता को भुनाया
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले चार साल में सिर्फ यूपीए सरकार की सफलता को ही भुनाया है। उन्होंने कहा कि सही निर्णय लेने के बजाय उन्होंने सिर्फ इस बात पर ध्यान दिया कि ये दिक्कतें कैसे आईं।