तीखे हमलों के बाद मोदी-मनमोहन का मधुर मिलन
मनमोहन और मोदी की अचानक मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई। अर्थव्यवस्था और विदेश नीति से जुड़े मसलों पर वह मनमोहन सिंह से चर्चा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने मंगलवार को मनमोहन सिंह को चाय पर आने का संदेश भिजवाया था। प्रधानमंत्री के आवास 7, रेस कोर्स रोड पर मनमोहन सिंह बड़ी गर्मजोशी के साथ नरेंद्र मोदी से मिले। बैठक के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'डॉ. मनमोहन सिंह जी से मिल कर और 7 आरसीआर में उनका स्वागत करके बहुत प्रसन्नता हुई। हमारे बीच बहुत अच्छी बैठक हुई।' उन्होंने मनमोहन सिंह के साथ अपनी फोटो भी ट्वीट की।
मनमोहन ने किए थे तीखे वार
इससे पहले एनएसयूआई के एक कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने एनडीए सरकार की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार लोगों का ध्यान गैर मुद्दों की ओर बांटने के लिए भ्रष्टाचार का राग अलाप रही है। आज लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं और कल्यणकारी राज्य की सम्पूर्ण अवधारणा को तीव्र आर्थिक विकास के नाम पर ध्वस्त किया जा रहा है। भाजपा नेतृत्व ने दो स्थायी मुद्दे बनाए हुए हैं। पहला, यूपीए का भ्रष्टाचार और दूसरा नीतिगत जड़ता। ये दोनों ही असत्य हैं। मोदी सरकार अब यूपीए की योजनाओं और कार्यक्रमों को ही अपना नाम देकर पेश कर रही है।
इस मौके पर मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों से खुद का बचाव करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, जहां तक मेरा सवाल है, मैं पूरी विनम्रता से कह सकता हूं कि मैंने सार्वजनिक पद का अपने, अपने परिवार या मित्रों के फायदे के लिए कभी दुरूपयोग नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्राी की यह टिप्पणी एेसे समय में आई है जब ट्राई के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बैजल ने आरोप लगाया है कि सिंह ने उन्हें टूजी स्पेक्टम लाइसेंसों पर सहयोग नहीं करने पर नुकसान होने की चेतावनी दी थी। टूजी स्पेक्टम आवंटन घोटाला मामले में एक आरोपी बैजल ने यह भी दावा किया कि सीबीआई उनसे इस मामले में अरूण शौरी और रतन टाटा को फंसवाना चाहती थी।
किसानों की हालत खराब
किसानों के मुद्दों का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्राों में घोर व्यथा है और अगर एेसे इलाकों में रहने वाले लोग एक साल में ही मोदी सरकार से उब गए हैं। ऐसे में अच्छे दिन कैसे कहजा सकते हैं। पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में हालत खराब है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का दायित्व है कि वह लोगों को भाजपा सरकार की गलतियों और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कमजोर होने की गलत चर्चाओं के बारे में सही जानकारी पहुंचाए।
'मेक इन इंडिया' यूपीए की फोटोकॉपी
मनमोहन सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूपीए के कार्यक्रमों को नए रूप में पेश किया जा रहा है। पुरानी योजनाओं और कार्यक्रमों की भाजपा सरकार की पहल के रूप में मार्केटिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में थे तब भाजपा जिन बातों का विरोध करती थी, अब उन्हीं को अपने योगदान के तौर पर बेच रहे हैं। मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को भी संप्रग सरकार की पहल की छायाप्रति बताया है। उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया कार्यक्रम हमारी सरकार के कार्यक्रम और नई विनिर्माण नीति की छायाप्रति है। यूपीए के दस साल के शासनकाल में जीडीपी की औसत विकास दर 8.5 फीसदी रही जबकि पिछले एक साल के दौरान सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार और रिजर्व बैंक के गवर्नर तक मान रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं होने की बात कह रहे हैं।