नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर मायावती ने जताई चिंता, की उच्च स्तरीय जांच की मांग
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राजनीति गर्मा गई है। विरोध प्रदर्शन को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार को नसीहत दी है। वहीं, इस मामले पर ताजा बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का आया है।राहुल गांधी ने नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण को भारत में 'बड़े पैमाने पर धुव्रीकरण' के लिए फासीवादियों के हथियार करार देते हुए सोमवार को कहा कि इन हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण सत्याग्रह है।
शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वह इन हथियारों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़े हैं। गांधी ने ट्वीट किया, 'कैब और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं। इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है। मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं।'
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी में बेकसूर छात्र और आमजन पुलिस का शिकार हुए हैं। यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और यूपी सरकार को इसकी उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की है।
पार्टी पीड़ितों के साथ- मायावती
मायावती ने सोमवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट कर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन और हिंसक झड़पों पर चिंता व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आम लोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है’।
शान्ति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील
एक अन्य ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा, ‘ऐसे में यूपी व केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराए और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए। वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।'
केजरीवाल ने की उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात
विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एलजी से बात कर आग्रह किया कि वो हालात सामान्य करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार हालात सामान्य करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
मनीष सिसोदिया ने BJP और दिल्ली पुलिस पर लगाए आरोप
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विरोध स्थल की कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर पोस्ट कीं। उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में भाजपा पर ‘गंदी राजनीति' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान भड़की हिंसा की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
अखिलेश ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार को घेरा। अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा कि जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है और विद्यार्थी अभी भी फंसे हुए हैं, ये बेहद निंदनीय है। पूरे देश को हिंसा में फूंक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात मॉडल’ है।
‘देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है’
वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा कि देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है, जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भाजपा सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। यह सरकार कायर है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में छात्रों का विरोध
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून लाए जाने के बाद से ही देश के हर इलाकों में बवाल मचने लगा है। अभी ताजा मामला दिल्ली के एएमयू में हुआ जहां पहले तो छात्र शांति से इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन इसके बाद रविवार, 15 दिसंबर को शाम 3 बजे से ये मामला ज्यादा गर्म हो गया। छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया जिसे शांत करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना में कई छात्र-छात्राओं सहित पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।