संसद में संविधान की राजनीति पर मायावती: सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं, ये संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को संविधान बचाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को आड़े हाथों लिया। मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अंदर से मिलीभगत कर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को बदलने में जुटे हुए हैं। संविधान विरोधी दलों की जब केंद्र में सरकार रही तो उन्होंने इसमें इतने संशोधन कर दिए कि अब यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का समता मूलक, धर्मनिरपेक्ष और बहुजन हिताय संविधान नहीं रह गया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों ने मिलकर इस संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया। सत्ता और विपक्ष की दोनों की अंदरूनी मिलीभगत है। दोनों ही सत्ता विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, ये कतई उचित नहीं है।
#WATCH | Former Uttar Pradesh CM and BSP chief Mayawati says "There is no doubt that there is a competition between the ruling party and the opposition to show the copy of the Constitution inside and outside the Parliament. All these people seem to be two sides of the same coin… pic.twitter.com/qhhWLr5A8r
— ANI (@ANI) June 25, 2024
इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं, बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया। ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते।
इन दोनों पार्टियों ने जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक संविधान बना दिया है। भीमराव आंबेडकर की मंशा वाला समता मूलक, धर्मनिरपेक्ष और बहुजन हिताय वाला संविधान नहीं रहा है। इन दोनों पार्टियों के लोग एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं या फिर इसे निष्प्रभावी बनाकर यह सभी पार्टियां इसका पूरा लाभ इन्हें नहीं देना चाहती हैं।
अब संविधान को बचाने के नाम पर यह इसकी आड़ में सत्ता और विपक्ष दोबारा जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी राजनीति कर रही हैं। इससे इन वर्गों के लोगों को बिल्कुल लाभ मिलने वाला नहीं है। यह बात भी सभी जानते हैं खासकर कांग्रेस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों ने अंदर-अंदर मिलकर अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर आई मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी अपने सरकारों में लागू नहीं होने दिया।
मायावती ने सपा पर भी निशाना साधा और कहा कि खुद को अनुसूचित जाति और जनजाति का हितैषी बता रही सपा ने पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं होने दिया। उन्होंने लोगों को इस साजिश से सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा तथा अन्य पार्टियों की सरकार गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए संविधान बचाने का नाटक कर रही हैं। जातिवार गणना पर भी विपक्ष दिखावा कर रहा है।