वोट के लिए मोदी सरकार छुपा रही है बेरोजगारी और गरीबी के आंकड़े: मायावती
देश में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिगुल बज चुका है और इसी के साथ राजनीतिक पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर भी जारी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'मैं भी चौकीदार अभियान' पर कटाक्ष करते हुए भाजापा के नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने बीजेपी नेताओं द्वारा चौकीदार बनने पर जमकर कटाक्ष करते हुए कहा, अब यूपी के सीएम सुविधा में हैं कि वह क्या बने।
बसपा सुप्रीमो ने ये भी कहा,मोदी सरकार बढ़ती बेरोजगारी एवं गरीबी, श्रमिकों की दुर्दशा और किसानों की बदहाली संबंधी सरकारी आंकड़े वोट की खातिर छिपाए हुए है।
यूपी सीएम जैसे लोग बड़ी दुविधा में हैं क्या करें?
मायावती ने शुक्रवार सुबह ट्वीट किया कि 'बीजेपी के मंत्री व नेतागण पीएम मोदी की देखादेखी 'चौकीदार' बन गए हैं पर यूपी के सीएम जैसे लोग बड़ी दुविधा में हैं क्या करें? जनसेवक व योगी रहें या अपने को चौकीदार घोषित करें। बीजेपी वाले चाहे जो फैशन करें बस संविधान व कानून के रखवाले बनकर काम करें, जनता बस यही चाहती है।'
राफेल सौदे की गोपनीय फाइल यदि चोरी हो गई तो गम नहीं लेकिन..
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'राफेल सौदे की गोपनीय फाइल यदि चोरी हो गई तो गम नहीं, किंतु देश में रोजगार की घटती दर, बढ़ती बेरोजगारी एवं गरीबी, श्रमिकों की दुर्दशा, किसानों की बदहाली आदि के सरकारी आंकड़े पब्लिक नहीं होने चाहिए। वोट व इमेज की खातिर उन्हें छिपाए रखना है। क्या देश को ऐसा ही चौकीदार चाहिए?'
मायावती ने प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर भी बोला था हमला
इससे पहले मायावती ने प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा था। उन्होंने ट्वीट के जरिये कहा था कि 'बीजेपी का दावा है कि पिछले दो सालों में यूपी दंगा मुक्त रहा है, यह पूरा सच नहीं है। इस दौरान बीजपी के सभी महार्थी मंत्री व नेतागण आदि अपने उपर से जघन्य आपराधिक मुकदमे हटाने में ही 'यादा व्यस्त रहे। मॉब लिंचिंग आदि को क्यों भूल गए जिससे देश शर्मसार हुआ और आखिरकार माननीय कोर्ट को दखल देना पड़ा।'