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22 December 2025

मनरेगा महात्मा गांधी का सर्वोदय का दृष्टिकोण था, इसका अंत हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है: सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में लिखे एक लेख में केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और अन्य महत्वपूर्ण कानूनों में प्रस्तावित परिवर्तनों के माध्यम से अधिकार-आधारित विधायी ढांचे को नष्ट करने का आरोप लगाया।

'मनरेगा का बुलडोजर से विध्वंस' शीर्षक वाले लेख में सोनिया गांधी ने तर्क दिया कि ग्रामीण रोजगार योजना का कमजोर होना एक सामूहिक नैतिक विफलता का प्रतिनिधित्व करता है, जिसके देश भर में करोड़ों कामगारों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय और मानवीय परिणाम होंगे।

उन्होंने लिखा कि मनरेगा महज एक कल्याणकारी पहल नहीं बल्कि एक अधिकार-आधारित कार्यक्रम है जो ग्रामीण परिवारों को आजीविका सुरक्षा और सम्मान प्रदान करता है।

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उनके अनुसार, इस योजना का पतन "सामूहिक नैतिक विफलता" है।

उन्होंने लिखा, “एमजीएनरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय (सभी के कल्याण) के दृष्टिकोण को साकार किया और काम करने के संवैधानिक अधिकार को लागू किया। इसका अंत हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है, जिसके वित्तीय और मानवीय परिणाम भारत के करोड़ों मेहनतकश लोगों के लिए आने वाले वर्षों तक गंभीर रहेंगे। अब पहले से कहीं अधिक यह अनिवार्य है कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो हम सभी की रक्षा करते हैं।”

सोनिया गांधी ने आगे दावा किया कि कई मौलिक अधिकारों का व्यवस्थित रूप से हनन हो रहा है।

शिक्षा नीति को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा के अधिकार को कमजोर कर दिया है, जिसने देश भर में लगभग एक लाख प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने को वैध ठहरा दिया है।"

उन्होंने पर्यावरण और भूमि कानूनों में बदलावों पर भी ध्यान दिलाया और कहा कि "वन अधिकार अधिनियम, 2006 को वन (संरक्षण) नियम, 2022 द्वारा काफी कमजोर कर दिया गया है, जिसने ग्राम सभा को वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति देने में किसी भी भूमिका से वंचित कर दिया है।"

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि "भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजे और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम काफी हद तक कमजोर कर दिया गया है," साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण को वर्षों से "कमजोर" कर दिया गया है।

कृषि सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सरकार ने तीन काले कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया है," और चेतावनी दी कि "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, अगला निशाना हो सकता है।"

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TAGS: MNREGA, Mahatma Gandhi, sonia gandhi, loksabha rajyasabha
OUTLOOK 22 December, 2025
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