दादरी पर मोदी ने तोड़ी चुप्पी, बोले-राष्ट्रपति की सुनो
दादरी के पास एक गांव में गोमांस की अफवाह पर एक व्यक्ति की हत्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। बिहार के नवादा में चुनावी रैली के दौरान हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर दादरी की घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन परोक्ष रूप से कहा, नेताओं की ऊटपटांग बयानबाजी पर ध्यान मत दीजिए। अगर मैं भी कहूं तो उसे भी नजरअंदाज कर दीजिए। अगर सुनना है तो कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जो भाषण दिया उसको सुनिए। उससे बड़ी कोई प्रेरणा, कोई मार्गदर्शन नहीं हो सकता। उल्लेखनीय है कि कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय सभ्यता के बुनियादी मूल्यों सहनशीलता, विविधता और एकता को बरकरार रखने पर जोर दिया था।
दादरी कांड पर जहां भाजपा के कुछ नेताओं की ओर से भड़काऊ बयान सामने आ रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री की चुप्पी पर लगातार सवाल उठ रहे थे। इस घटना के दस दिन बाद अब पीएम मोदी ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। नवादा की चुनावी रैली में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने सद्भाव का जो रास्ता दिखाया है हम सबको मिलकर उस पर चलना होगा। तभी हम देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकेंगे। हिंदू और मुसलमानों को तय करना होगा कि उन्हें आपस में लड़ना है या फिर मिलकर गरीबी से लड़ना है।
आज दादरी कांड की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी का मुकाबला करने के लिए हिंदु और मुस्लिम को मिलकर काम करना है। एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा ही देश का आगे ले जा सकता है।
क्या कहा था राष्ट्रपति ने
गौरतलब है कि कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हम अपनी सभ्यता के आधारभूत मूल्यों को गंवा नहीं सकते। ये हमारे बुनियादी मूल्य हैं। हमने हमेशा विविधता को स्वीकार किया है, सहनशीलता और अखंडता की वकालत की है। इन्हीं बुनियादी मूल्यों ने हमें सदियों तक एक साथ बांधे रखा। कई प्राचीन सभ्यताएं खत्म हो गर्इं। लेकिन यह सही है कि एक के बाद एक आक्रमण और लंबे विदेशी शासन के बावजूद भारतीय सभ्यता अगर बची रही।