राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है मोदी सरकारः कांग्रेस
कांग्रेस ने आज राफेल लड़ाकू विमानों के सौदों को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि मोदी सरकार आए दिन राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया। इस सौदे को रद्द कर दिया गया। अब हम क्या खरीदने जा रहे हैं? मात्र 36। उन्होंने सवाल किया कि बाकी बचे 90 लड़ाकू विमानों की क्षतिपूर्ति कौन करेगा? क्या इसका मतलब है कि वर्तमान सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है?
Tender floated by UPA govt were for 126 Rafale jets. That deal has been cancelled. What are we going to purchase now? Only 36. Who is going to compensate for these 90 pieces of jets? Does that mean the current govt has compromised with national security?: Ghulam Nabi Azad pic.twitter.com/bqXNcmPilQ
— ANI (@ANI) 9 मार्च 2018
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश की जनता को गुमराह करने और ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर झूठ का पुलिंदा परोसा जा रहा है। सरकारी खजाने को होने वाले भारी नुकसान को गंभीर शंकाओं के सार्वजनिक होने के बावजूद सरकार इन मामले में चस बताने से बच रही है और चुप्पी साधे है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद एक बड़े घोटाले की बू आ रही है, लेकिन मोदी सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद का एकतरफा निर्णय लेने से छह कमियां उजागर हुई हैं। पूरे रक्षा सौदे में पारदर्शिता की कमी और लड़ाकू जहाजों के खरीद मूल्य का खुलासा नहीं किया गया। डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर की अनिवार्य शर्तों का उल्लंघन किया गया। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई। ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के मामले में राष्ट्रहित को तिलांजलि दी गई। 36,000 करोड़ रुपये का ऑफसेट कांट्रैक्ट अनुभवी पीएसयू, एचएएल के हाथों से लेकर रक्षा उत्पादन में बिना अनुभव वाली निजी कंपनी को दिया गया और 35 माह बीत जाने के बाद भी इमरजेंसी आधार पर खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू जहाजों (रक्षा मंत्री के अनुसार) की डिलीवरी नहीं हुई।
इन नेताओं ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 नवंबर 2017 को रक्षा भवन में हुई प्रेसवार्ता में रक्षा सचिव को खरीदे गए 36 राफेल विमानों का मूल्य घोषित करने की सार्वजनिक हिदायत दी थी। लेकिन बाद में संसद में पांच फरवरी 2018 को रक्षा मंत्री ने विमानों की कीमत बताने से इनकार कर दिया। इससे मोदी सरकार की सोच और मंशा पर गभीर प्रश्न चिह्न खड़े हो जाते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की टालमटोल और ध्यान बंटाने की कोशिश से गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैँ। उन्हें देश की जनता को इनका जवाब देना होगा। इन नेताओं ने विमानों की कीमतों से लेकर इनके मिलने तक पर सरकार से सवाल खड़े किए।