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11 August 2023

चुनावी साल में चुनाव आयोग पर 'नियंत्रण' सुनिश्चित करना चाहती है मोदी सरकार: नए सीईसी विधेयक पर कांग्रेस

केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में चुनाव आयोग से संबंधित एक विवादास्पद बिल पेश करने के पश्चात कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनावी साल में मोदी सरकार चुनाव आयोग पर नियंत्रण हासिल करना चाहती है।

वरिष्ठ भाजपा नेता एलके आडवाणी द्वारा जून 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र को साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "उन्होंने (आडवाणी) भी कहा था कि संवैधानिक निकायों में किसी भी पूर्वाग्रह की धारणा को हटाने के लिए नियुक्तियां द्विदलीय ढंग से की जानी चाहिए।"

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में एक विवादास्पद बिल पेश किया, जिसका उद्देश्य मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करना है। यह कदम, सरकार को पोल पैनल के सदस्यों की नियुक्तियों में अधिक नियंत्रण रखने की अनुमति देगा।

जयराम रमेश ने कहा कि आडवाणी ने उस समय प्रधानमंत्री के अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश और दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं के साथ एक पैनल का भी प्रस्ताव रखा था। उन्होंने "X" (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "अपने वर्तमान स्वरूप में, सीईसी विधेयक समिति के 2:1 प्रभुत्व में कार्यकारी हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगा। चुनावी वर्ष में मोदी सरकार की ओर से यह बात इस बात को और पुख्ता करती है कि श्री मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं।"

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। आडवाणी ने मनमोहन सिंह को लिखा था, "देश में ऐसा मानने वाली एक राय तेजी से बढ़ रही है कि पूर्वाग्रह या पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी की किसी भी छाप को दूर करने के लिए चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकायों में नियुक्तियाँ द्विदलीय आधार पर की जानी चाहिए।"

रमेश ने कहा, "नहीं, यह कोई मोदी आलोचक नहीं है। यह 2 जून, 2012 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लिखे गए आडवाणी के पत्र के दूसरे पैरा का एक अंश है। आप यह पत्र अभी भी भाजपा की वेबसाइट पर पा सकते हैं।''

उन्होंने कहा, "सीईसी और चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए उन्होंने जिस समिति का प्रस्ताव रखा था उसमें सीजेआई के साथ संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेता शामिल थे। मोदी सरकार द्वारा लाया गया सीईसी विधेयक न केवल आडवाणी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि 2 मार्च, 2023 के 5-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले को भी पलट देता है।"

कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, "एक संवैधानिक निकाय के रूप में चुनाव आयोग के कामकाज में स्वतंत्रता की अनुमति देना, मुख्य चुनाव आयुक्तों के साथ-साथ चुनाव आयुक्तों के कार्यालय को कार्यकारी हस्तक्षेप से अलग रखना होगा।" कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नए सीईसी विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

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TAGS: Modi govt, 'control', EC, Poll year, Congress, the Election Commission, Modi government, Rajya Sabha
OUTLOOK 11 August, 2023
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