नीतीश की तारीफ के पुल बांध दिए मोदी ने
मोदी ने नवनिर्मित दीघा-सोनपुर रेल सह रोड ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा, यह परियोजना नीतीश कुमार ने उस वक्त शुरू की थी जब नीतीश रेल मंत्री थे और अटल जी प्रधानमंत्री थे। उस समय के स्वप्न को आज साकार किया जा रहा है। अगर पिछले 10 वर्षों में इसकी अनदेखी नहीं की गई होती तो इसका काम नियमित बजट के तहत भी छह से सात साल में पूरा हो जाता।
उन्होंने कहा कि इस विलंब के कारण 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना का खर्च बढ़कर 3000 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा, यह धन जनता का है। हमारे देश में कोई न कोई कारण पैदा होता है जब विकास की प्रक्रिया पटरी से उतर जाती है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को दरकिनार रखते हुए इस अवसर पर मोदी ने बिहार में केंद्र की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना को आगे ले जाने में बिहार के मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। पूर्व में मोदी के नीतीश के साथ विवादास्पद संबंध रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं नीतीश जी का कृतज्ञ हूं। उनके प्रयासों के कारण बिहार में काम में तेजी से प्रगति हो रही है। अगर केंद्र और बिहार सरकार निर्णायक तरीके से काम करे तो हम काम तेजी से पूरा कर सकते हैं और एक गौरवशाली बिहार बना सकते हैं। कुमार ने भाजपा द्वारा मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने के बाद राजग से 17 साल पुराना नाता तोड़ लिया था। नरेंद्र मोदी नीत राजग के हाथों 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद के राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके शानदार वापसी की थी और भाजपा को धूल चटाई थी।
भारत के विकास का केंद्र पूर्वी भारत में होने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी दृढ़ राय है कि भारत अपने पूर्वी हिस्से के विकास के बिना एक देश के तौर पर विकास नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, बिहार हमारे लिए प्राथमिकता है क्योंकि हम महसूस करते हैं कि बिहार की प्रगति भारत की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इस सरकार ने बिहार में पिछले ढाई वर्षों में परियोजनाओं पर पिछले पांच वर्षों की तुलना में कहीं अधिक रकम खर्च की है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यह मेरी प्रतिबद्धता है कि अगर भारत को तेजी से प्रगति करनी है तो बिहार के विकास को तेज करना होगा।
कांग्रेस का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बावजूद देश के 18000 गांवों में बिजली अब तक नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा, मैंने अपने अधिकारियों से कहा कि मुझे यह काम 1000 दिनों के भीतर करना है, जो पिछले 70 वर्षों में नहीं किया गया। 1000 दिन पूरे होने अभी बाकी हैं लेकिन 6000 गांवों में पहले ही बिजली पहुंच गई है। बिहार और उत्तर प्रदेश को इससे अधिकतम लाभ होगा। मोदी ने युवाओं से कहा कि उन्हें दो लोकोमोटिव फैक्टरियों के रूप में बड़ा तोहफा मिला है। इसे राज्य में खोला जा रहा है। मोदी ने इसका उल्लेख करते हुए कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर एकबार फिर निशाना साधा।
मोदी ने कहा, यह मामला 2006-07 से सिर्फ कागज पर आगे बढ़ रहा था। इसका भाषणों में अक्सर उल्लेख किया जा रहा था लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं हो रहा था। कोई भी इसके लिए बोली लगाने को तैयार नहीं था। हमने निविदा में कुछ नवोन्मेषी बातों को शामिल किया, निर्यात के लिए लक्ष्य निर्धारित किया और देश की आवश्यकता के अनुसार ऑर्डर दिया और इस तरीके से इसे तैयार किया कि दुनिया की बड़ी कंपनियां इसमें कार्य कर सकें।
मोदी ने कहा, प्रक्रिया ने काम किया और दुनिया की बड़ी कंपनियां आगे आईं। इन दो फैक्टरियों के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है, जो देश में सबसे बड़ा होगा। इस प्रक्रिया को हमारी सरकार आने के महज 18 महीने के भीतर पूरा किया गया है क्योंकि बिहार को विकसित करना हमारी प्राथमिकता है। मोदी ने राज्य के लिए आ रही अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। इसमें प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बिछाना भी शामिल है। यह देश में भारी प्रगति लाने जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव में पिछले साल भाजपा की करारी शिकस्त के बाद मोदी बिहार में पहले बड़े कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।