2019 में मोदी का मुकाबला मुझसे नहीं राहुल से है: प्रियंका गांधी
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के भीतर जान फूंकने के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है। वे अपने मेगा रोड शो के बाद कार्यकर्ताओं से मेल-जोल बढ़ाने में लगी हुई हैं। इस बीच उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला उनसे नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से है। वे संगठन को मजबूत करने का काम करेंगी।
प्रियंका गांधी ने मंगलवार की रात अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद जब प्रियंका से पूछा गया कि क्या उनका मुकाबला पीएम मोदी से होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''मेरे से नहीं, राहुल जी से उनका मुकाबला होगा। राहुल लड़ तो रहे हैं।''
प्रियंका गांधी ने कहा कि लखनऊ में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने से उन्हें संगठन के बारे में बेहतर जानकारी मिल रही है। वो यहां पर संगठन की संरचना और बदलाव के बारे में अध्ययन कर रही हैं ताकि 2019 के चुनाव में पूरी दमखम के साथ पार्टी चुनावी समर में अपनी ताकत दिखा सके।
प्रियंका को 41 सीटों की कमान
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है। सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 41 सीटों की कमान प्रियंका को दी गई है तो 39 सीटों का प्रभार सिंधिया के कंधों पर है।
वाड्रा पर क्या बोलीं?
मंगलवार को जयपुर में प्रियंका गांधी अपने पति के साथ थीं और बाद में चुनाव तैयारियों के सिलसिले में लखनऊ चली गईं। पत्रकारों ने पूछा कि राबर्ट वाड्रा से पूछताछ को आप किस अंदाज में देखती हैं तो उनका जवाब था कि ये सब सिर्फ राजनीतिक कवायद है। ये चीजें चलती रहती हैँ, चलती रहेगी। वो अपना काम कर रही हैं।
इन लोकसभा सीटों के कार्यकर्ताओं से आज मिलेंगी
प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, आजमगढ़ के कार्यकर्ता से मुलाकात करेंगी। सुबह 11 बजे से बैठकों का दौर शुरू होकर रात साढ़े 11 बजे तक चलेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रियंका इन बैठकों में हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी संगठन की स्थिति का जायजा ले रही हैं। प्रियंका की इन बैठकों को आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों और प्रत्याशियों के चयन के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।