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28 July 2023

मणिपुर और अविश्वास प्रस्ताव, मानसून सत्र का सातवां दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ने की संभावना

हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर की स्थिति पर चर्चा को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच सदन में गतिरोध जारी है। माना जा रहा है कि शुक्रवार को मॉनसून सत्र के सातवें दिन भी हंगामा जारी रहेगा। विपक्ष लगातार पीएम मोदी से मणिपुर पर बयान देने की मांग कर रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि चर्चा को लेकर विपक्ष गंभीर नहीं है। विगत दिनों, विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव भी जमा किया, जिसे स्पीकर ने स्वीकार किया।

विपक्ष के बड़े गठबंधन, I.N.D.I.A के सदस्य इस मांग पर अड़े हुए हैं कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए दोनों सदनों में सभी सूचीबद्ध व्यवसायों को अलग रखा जाए। शुक्रवार यानी आज विपक्षी खेमा सभापति ओम बिरला के समक्ष यह मांग रख सकता है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए जल्द ही वह कोई तारीख निर्धारित करें।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है, इस नियम के अनुसार चर्चा (मणिपुर के संबंध में) तुरंत होनी चाहिए, सरकार नहीं चाहती कि सदन के अध्यक्ष उनसे सवाल पूछें। मुझे लगता है कि वे (सरकार) ऐसा करेंगे और फिर ईडी और सीबीआई को अपने पीछे घसीट लेंगे...वे मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रहे हैं।"

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बता दें कि विपक्षी गठबंधन की ओर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इसी बीच, गुरुवार को भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमा गहमी का माहौल रहा। मणिपुर पर कथित तौर पर चर्चा से इनकार करने और अविश्वास प्रस्ताव पर बहस स्थगित करने के विरोध में विपक्षी दलों के कई सांसद काले कपड़ों में सदन पहुंचे थे।

राज्यसभा में गुरुवार को कार्यवाही की शुरुआत से ही शोर-शराबा देखने को मिला। विपक्षी दल के सदस्यों ने नियम 287 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर नारे लगाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी अपने भाषण के दौरान हंगामे का सामना करना पड़ा। एक तरफ, विपक्षी सांसद नारेबाज़ी करते रहे तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के सांसदों ने "मोदी, मोदी" के नारे लगाकर जवाब दिया।

राज्य सभा के नेता पीयूष ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, " काले कपड़े पहनने वाले सदस्य देश की बढ़ती शक्ति और प्रतिष्ठा को नहीं समझ सकते। उनका भविष्य अंधकारमय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने गंभीर मामले पर भी राजनीति की जा रही है। ये भारत के सम्मान की बात है, दुनिया के सामने भारत की उभरती छवि की बात है। मुझे लगता है कि जो लोग काले कपड़े पहने हुए हैं वे देश की बढ़ती ताकत को नहीं समझ सकते। उनका वर्तमान, अतीत और भविष्य काला है। लेकिन हमें उम्मीद है कि उनके जीवन में रोशनी आएगी।

जब 12 तक स्थगित होने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अपनी बात रखने को कहा। लेकिन सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्षी सांसदों द्वारा पहने गए काले कपड़ों पर नारे लगाए।

सत्ता पक्ष की ओर से अपने ऊपर हो रहे विरोध पर आपत्ति जताते हुए खड़गे ने कहा, ''सरकार खुद ही बाधा डाल रही है।" बाद में एक बार फिर 2 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर से संबंधित अपनी मांगें उठाईं। स्पीकर ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।

हालांकि, बाद में दोनों सदनों को गुरुवार दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच, मानसून सत्र के सातवें दिन की शुरुआत से पहले, कई विपक्षी नेताओं ने मणिपुर मुद्दे पर बहस की मांग करते हुए लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस दिया। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

उच्च सदन में, आरजेपी सांसद मनोज कुमार झा ने नियम 267 के तहत बिजनेस नोटिस के निलंबन का प्रस्ताव रखा और हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए सभापति से शून्यकाल और प्रश्नकाल सहित दिन के लिए सूचीबद्ध अन्य सभी कामकाज को निलंबित करने का अनुरोध किया गया।

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TAGS: Parliament, Monsoon Session, Manipur, No Confidence Motion
OUTLOOK 28 July, 2023
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