75 प्लस नेताओं को बाय-बाय, भाजपा में अब बूढ़े मां-बाप को निकालने की परंपरा : गौर
शिवराज मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले गौर ने इस्तीफा देने से इनकार किया था। बाद में वह पार्टी अालाकमान के दबाव के आगे झुके और इस्तीफा दिया। मीडिया के अनुसार अधिक उम्र हाेने की वजह से गौर को मंत्रिमंडल से हटाया गया है। पार्टी 75 साल से ऊपर के नेेताओं को अहम पदों से हटा रही है। बहरहाल 86 साल के गौर पार्टी की इस कार्यप्रणाली से नाराज बताए जा रहे हैं।
गौर ने कहा कि वह इस उम्र में भी दूसरे मंत्रियों के बराबर काम करते हैं। अगर उम्र पैमाना थी तो उन्हें टिकट ही क्यों दिया गया था? उन्होंने कहा कि मैंने मप्र को अपने खून-पसीने से सींचा है?'' इस तरह से बेइज्जती के साथ निकाले जाने पर वह आहत हैं। गौर ने कहा कि वह पार्टी तो नहीं छोड़ेंगे लेकिन विधानसभा में जाएंगे या नहीं, इस पर वह अभी विचार करेंगे। गौर ने यह भी कहा कि वे इस मसले पर पार्टी के बड़े नेताओं से बात करेंगे।
मीडिया के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गौर से एक मुलाकात के दौरान उनसे उम्र पूछी थी। शाह की इस पूछताछ को गौर को मंत्रिमंडल से हटाए जानेे की घटना के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। मीडिया सूत्रों की मानें तो पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की थीम पर चल रही है। थीम यह है कि 75 साल से ऊपर के नेताओं को सक्रिय पदों से हटाया जाए।