पीएम मोदी पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को कोर्ट का समन, दिया था ये बयान
मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समन जारी किया है। कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ता महेश श्रीश्रीमाल की याचिका पर संज्ञान लेते हुए यह समन जारी किया है। गिरगाम मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 28 अगस्त को समन जारी करते हुए वायनाड के कांग्रेस सांसद को तीन अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी ने 'कमांडर इन थीफ' कहा था, जिसके बाद बीजेपी नेता ने कोर्ट का रुख किया था।
बीजेपी कार्यकर्ता महेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहना गलत है। हमारे देश के बारे में लोग क्या सोचेंगे. महेश ने कहा कि जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए 'कमांडर इन थीफ' के नाम से ट्वीट भी किया था।
बीजेपी कार्यकर्ता ने राहुल गांधी के भाषण की कई सीडी और न्यूज पेपर कटिंग भी कोर्ट में दस्तावेज के रूप में पेश किया। कोर्ट में दिए गए एप्लीकेशन में बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाइव टीवी स्ट्रीमिंग के दौरान 'कमांडर इन थीफ' कहा है।
राहुल गांधी का यह भाषण कई न्यूज चैनलों और अखबारों में भी प्रकाशित हुआ था। इसलिए बीजेपी कार्यकर्ता मानहानि का मुकदमा दर्ज कराना चाहता है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अदालत कहती है कि पार्टी का सदस्य होने के नाते शिकायतकर्ता कोर्ट में अपील दाखिल करने का अधिकारी है।
कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि कथित मानहानि से न केवल प्रधानमंत्री बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता भी आहत हुए हैं। भारतीय दंड संहिता के धारा 500 के तहत मामले की प्रक्रिया चलाई जा रही है।
श्रीश्रीमाल ने प्रधानमंत्री को 'चोरों का सरदार' कहने पर गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करायी थी। गांधी ने मोदी पर पिछले साल तीखा हमला करते हुए उन्हें 'चोरों का सरदार' कहा था। समन में कहा गया है, 'राहुल राजीव गांधी आईपीसी की धारा 500 के तहत एक आरोप में आपकी उपस्थिति अनिवार्य है। आपको तीन अक्टूबर 2019 को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया जाता है।'