चिदंबरम ने भूख से बहनों की मौत पर सरकार को घेरा, खाद्य सुरक्षा कानून की उपेक्षा का आरोप मढ़ा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून पर रवैये को लेकर घेराबंदी है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इन दोनों कानूनों की घोर उपेक्षा कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि संप्रग सरकार के समय ये कानून इस लिए बने थे कि दिल्ली में भूख से हुई तीन बच्चियों की मौत जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
चिदंबरम ने कहा कि जिस तरह से भूख से तीन बच्चियों की मौत हुई है उससें हमे शर्म और दुख से अपना सिर झुका लेना चाहिए। नई दिल्ली के मंडावली इलाके में मंगलवार को मानसी, शिखा और पारुल नाम की तीन बहनों की भूख से मौत हो गई थी।
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि मनरेगा का उद्देश्य भूख खत्म करना और खाद्य सुरक्षा कानून का उद्देश्य भुखमरी खत्म करना था। लेकिन इन दोनों की भाजपा सरकार ने घोर उपेक्षा की।
MGNREGA was intended to put an end to hunger. FOOD SECURITY ACT was intended to put an end to starvation. Both have been cruelly neglected by the BJP government.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 27, 2018
गौरतलब है कि मनरेगा गरीबों के लिए चलाई जा रही रोजगार गारंटी योजना है। इस योजना के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का लक्ष्य गरीबों को सब्सिडी वाले अनाज प्रदान करना है।