अब मोदी की पसंद अरविंद सुब्रह्मण्यम पर स्वामी ने किया वार
स्वामी ने यह निशाना उस समय साधा है जब अरविंद सुब्रह्मण्यम को देश के केंद्रीय बैंक के प्रमुख के तौर पर राजन के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
स्वामी ने लिखा, ‘अंदाजा लगाएं कि किसने कांग्रेसियों को जीएसटी के प्रावधानों पर दृढ़ होने को कहा? जेटली के वाशिंगटन डीसी के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम।’ उन्होंने कहा कि सुब्रह्मण्यम जेटली को हमारे खेमे में मौजूद दुश्मन की पहचान करने में मदद कर रहे हैं। स्वामी ने मुख्य आर्थिक सलाहकार के खिलाफ कई ट्वीट किए। उल्लेखनीय है कि अरविंद सुब्रह्मण्यम प्रवासी भारतीय हैं।
उन्होंने कहा, अब ट्विटर पर मौजूद देशभक्त लोग समझ सकते हैं कि हमारे मुख्य आर्थिक क्षेत्र पिछले दो साल से अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं कर रहे। दुश्मन के लोग (ट्रोजन हॉर्स) वित्त मंत्रालय… वित्तीय संस्थानों में भरे पड़े हैं।
उन्होंने कहा, क्या अरविंद सुब्रह्मण्यम भारत के खिलाफ अमेरिकी संसदीय समिति के सामने भारत के खिलाफ अमेरिकी नागरिक के तौर पर पेश हो रहे थे या किसी भारतीय के तौर पर। टि्वटर पर मौजूद देशभक्तों को पता है।
दूसरी ओर वित्त मंत्रालय ने मुख्य आर्थिक सलाहाकर की नियुक्ति बचाव किया है। मंत्रालय ने कहा है कि बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में उनकी राय से वह पहले से ही वाकिफ था।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अर्थशास्त्री को मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाने का फैसला सोच-समझ कर लिया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को उनके चुनाव से पहले बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे मुख्य मुद्दों पर उनकी राय के बारे में पता था। मंत्रालय अरविंद सुब्रह्मण्यम पर स्वामी की टिप्पणी को महत्व नहीं देता।
गौरतलब है कि अरविंद सुब्रह्मण्यम को सिर्फ अरुण जेटली ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पसंद का अर्थशास्त्री माना जाता है। रघुराम राजन का कार्यकालय पूरा होने के बाद सुब्रह्मण्यम के रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाए जाने की चर्चा तेज है।