नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस के भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण: ईडी के आरोप पत्र पर भाजपा ने कहा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ जिस नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपपत्र दाखिल किए हैं, वह कांग्रेस के भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है।
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार दुनिया में ‘‘सबसे भ्रष्ट’’ है।
भाजपा के सांसद और मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि ईडी के आरोप पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि गांधी परिवार ने किस तरह से इस मामले में धनशोधन किया।
बलूनी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ नेशनल हेराल्ड घोटाला कांग्रेस के भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था बल्कि वे इसके जरिए एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) को खरीदकर उसकी हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम करना चाहते थे।’’
बलूनी ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि किस तरह गांधी परिवार ने नेशनल हेराल्ड मामले में धनशोधन किया। इस आरोप पत्र में सोनिया गांधी आरोपी संख्या एक और राहुल गांधी आरोपी संख्या दो हैं। यह मामला कांग्रेस की सरकार के दौरान ही शुरू हुआ था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। कोई अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, भारत का संविधान उसे अदालत के कठघरे में अवश्य खड़ा करेगा।’’
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने नौ अप्रैल को दाखिल आरोपपत्र की, संज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पड़ताल की और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की जिसके बाद भाजपा की यह प्रतिक्रिया आई है।
ईडी ने धन शोधन के आरोप में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ नौ अप्रैल को आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में अपने शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद मंगलवार को आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह मामला उसके शासन के दौरान ‘‘दर्ज’’ हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह मामला 2012 में शुरू हुआ था और दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 2013 में इस मामले की शुरुआत की थी’’
उन्होंने केंद्र की (नरेन्द्र) मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों को ‘‘बेहद खोखला, निराधार और मामले की जांच को प्रभावित करने के इरादे से दुर्भावना से प्रेरित’’ करार दिया।
भाजपा के एक अन्य राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेताओं पर जनता के पैसे की ‘‘लूट’’ में लिप्त होने के बाद खुद को पीड़ित बताने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति कहने के लिए विपक्षी पार्टी की आलोचना की और कहा कि मामले में कार्रवाई अदालत के आदेश पर शुरू हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या उनका मतलब यह है कि अदालत ने उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की है?’’
पूनवाला ने कहा, ‘‘जो भी भ्रष्टाचार और लूट में लिप्त है, उसे अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अब ईडी का मतलब लूट और परिवारवाद का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे जनता का पैसा और संपत्ति हड़प लेते हैं और जब कार्रवाई होती है तो खुद को पीड़ित बताते हैं… उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में भी जनता की संपत्ति अपने नाम कर ली।’’