अनुच्छेद 370 हटाने पर बोले राहुल गांधी, सरकार के फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है उस पर अब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया आई है। राहुल गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है, वह संविधान का उल्लंघन है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया है और राज्यसभा में इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया है।
जानें 370 हटाए जाने पर क्या बोले राहुल गांधी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उसके लोगों से बनता है ना कि जमीन के टुकड़े से। राहुल गांधी ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में डालकर संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के इस तरह टुकड़े करके राष्ट्रीय एकता को मजबूत नहीं किया जा सकता है। जिस तरह से कार्यपालिका के जरिए शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है वो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए घातक है।
अनुच्छेद 370 पर दो हिस्सों में बंटी दिखी कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने और राज्य पुनर्गठन के मसले पर कांग्रेस दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। राज्यसभा में जहां कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। वहीं हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी तक कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है।
दरअसल, राज्यसभा ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर मुहर लगा दी है लेकिन इस विषय पर लोकसभा में अभी बहस जारी है। राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से गुलामनबी आजाद ने अपनी चिंता जताई लेकिन सदन के बाहर कांग्रेस के नेताओं के दोहरे बोल सुनाई दिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि अनुच्छेद 370 पर सरकार का फैसला सराहनीय है। लेकिन राहुल गांधी की सोच क्या है उसे ट्वीट के जरिए उन्होंने बताया।
क्या है मामला
गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों और एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई।