Advertisement
03 January 2019

जानें, राफेल पर मोदी सरकार की सहयोगी पार्टियों का क्या है रुख, कौन साथ में तो किसने किया विरोध

File Photo

राफेल डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की घेरेबंदी कर रही है तो वहीं संसद में घमासान मचा हुआ है लेकिन इस मुद्दे पर सहयोगी पार्टियां भी खुलकर सरकार का समर्थन नहीं कर रही हैं।

सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना जहां खुलकर विरोध में उतर आई है और जेपीसी की मांग कर रही है तो जदयू के नेता नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी के राम विलास पासवान और अपना दल (एस) ने भी सरकार के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया है। इनकी चुप्पी से भी सरकार सवालों के घेरे में है। कुल मिलाकर सहयोगी पार्टियां राफेल पर सरकार के साथ दिखाई नहीं देती।

शिवसेना ने की जेपीसी की मांग

Advertisement

पिछले दिनों शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो राफेल डील के मामले में मोदी सरकार पर हमला बोलने के लिए 'चौकीदार चोर है' के नारे का इस्तेमाल किया। दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी राफेल डील को लेकर  प्रधानमंत्री पर निशाना साधने के लिए इसी नारे का इस्तेमाल करती आ रही है।

अब शिवसेना ने भी कांग्रेस की मांग को दोहराना शुरू कर दिया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर राफेल सौदे में कुछ गड़बड़ी नहीं है तो नरेंद्र मोदी सरकार को जेपीसी जांच से नहीं डरना चाहिए। राफेल राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और सरकार से सवाल पूछना कोई अपराध नहीं है।

नीतीश ने नहीं दी कोई राय

बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार भी एनडीए के सहयोगी दल में है लेकिन राफेल पर अभी तक उन्होंने कोई राय नहीं दी है जबिक महागठबंधन में रहते हुए उन्होंने नोटबंदी का समर्थन किया था जबकि गठबंधन के अन्य सभी घटक दलों ने नोटबंदी का विरोध किया था।नोटबंदी से कालाधन समाप्त होगा। भ्रष्टाचार नियंत्रित होगा।

नरेंद्र मोदी के इस वादे पर नीतीश कुमार ने यकीन किया था लेकिन राफेल के भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर उनकी चुप्पी सवालों के घेरे में है। यानी वे खुलकर सरकार के पक्ष में दिखाई नहीं दे रहे हैं। उनकी चुप्पी पर राजद नेता शिवानंद तिवारी भी सवाल खड़ा कर चुके हैं।

अपना दल भी नहीं है साथ

अपना दल (एस) एनडीए गठबंधन का प्रमुख सहयोगी दल है और पार्टी की संयोजक अनुप्रिया पटेल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं। पार्टी मोदी सरकार को अपने बागी तेवर दिखा दी चुकी है लेकिन राफेल पर उसका भी सरकार के पक्ष में कोई बयान नहीं आया है। पार्टी के अध्यक्ष और उनके पति आशीष पटेल ने भाजपा को तीन राज्यों के चुनाव से सीख लेने की नसीहत तक दे डाली थी।

राफेल मुद्दे पर मोदी के ज्यादातार सहयोगी दलों सरकार का खुलकर समर्थन नहीं किया है।   

संसद में गरमाया मामला

इससे पहले बुधवार को लोकसभा में राफेल डील को लेकर लोकसभा में हुई तीखी बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की, लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उनपर भ्रष्टाचार का मुद्दा गढ़ने का आरोप लगाते हुए उनकी मांग खारिज कर दी।

सदन में हुई तीखी बहस के दौरान राहुल गांधी और जेटली के बीच खूब नुक्ताचीनी हुई। कांग्रेस ने राफेल विमान डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसे वित्तमंत्री ने यह कहते हुए सिरे खारिज कर दिया कि जो भ्रष्टाचार में संलग्न रहे हैं वे स्वच्छ सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: NDA, allaince, parties, vocal, rafale, Modi, Government, Question
OUTLOOK 03 January, 2019
Advertisement