अब बोलीं निरंजना, गाय के अलावा खाने के लिए बहुत कुछ है
उन्होंने कहा, एक लोकतंत्र में गौवध को प्रतिबंधित करना राज्य सरकारों का कर्तव्य है। देश में गाय के अलावा खाने के लिए बहुत सी चीजें हैं। पश्चिम बंगाल उन राज्यों में से एक है, जहां गोवध पर प्रतिबंध नहीं है।
ज्योति ने यह भी आरोप लगाया कि कथित असहिष्णुता का मुद्दा दरअसल बिहार चुनावों से पहले भाजपा की छवि खराब करने की पूर्व योजना के तहत उठाया गया था। भाजपा नेता ने पीटीआई भाषा से कहा, असहिष्णुता का मुद्दा बिहार चुनाव से पहले हमारी छवि खराब करने के राजनीतिक उद्देश्य के साथ उठाया गया था। यह पूर्व नियोजित था, तभी तो परिणाम आने के बाद आपको कोई विरोध प्रदर्शन दिखाई नहीं दे रहा। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ज्योति ने कहा कि बिहार चुनाव में जिन वोटों से मूल अंतर पड़ा, वे तटस्थ वोट थे।
उन्होंने कहा, बिहार में मूल अंतर पांच से दस प्रतिशत के तटस्थ वोटों से आया। केंद्र में सत्ता में आने के बाद हमने कई राज्यों में जीत हासिल की है। मैं नीतीश कुमार जी को अपनी शुभकामनाएं देती हूं। असहिष्णुता के खिलाफ अपने पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों के मुद्दे पर ज्योति ने कहा, लेखकों के प्रति मेरे दिल में बेहद सम्मान है लेकिन पुरस्कार लौटाए नहीं जाने चाहिए। उन्होंने कहा, पुरस्कार सिर्फ सम्मान का प्रतीक नहीं हैं। यह पूरे देश की ओर से दिया गया सम्मान है। तो यदि आप पुरस्कार लौटा रहे हैं तो आप पूरे देश का अपमान कर रहे हैं।
ज्योति ने कहा कि दादरी में पीट-पीट पर हत्या किया जाना उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार की कानून और व्यवस्था के विफल हो जाने का मामला था। उन्होंने कहा, यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। यह कानून-व्यवस्था का मामला है और यह राज्य का विषय है। यदि राज्य ने कार्रवाई की होती तो इस तरह की स्थिति न बनी होती। कार्रवाई करने के बजाय, वे हमपर आरोप लगा रहे हैं। ज्योति ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के इस बयान की भी आलोचना की कि पेरिस हमले पश्चिम एशिया में पश्चिमी देशों की क्रियाओं की प्रतिक्रिया है।
ज्योति ने कहा, यह शर्मनाक है और आजम खान जैसे व्यक्ति की ओर से ऐसा बयान आना तो वाकई शर्मनाक है। लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है। लेकिन आपको इतना अधिक नहीं बोलना चाहिए कि दुनिया में देश की प्रतिष्ठा पर आंच आ जाए। उन्होंने कहा, जो लोग पाकिस्तान और आईएसआईएस के पक्ष में बोलते हैं, हमने उनपर कड़ी नजर रखी है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय में कई लोग ऐसे हैं, जो वाकई अच्छे हैं और देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। आतंकी कृत्य को अंजाम देने वाले किसी धर्म, जाति या पंथ के नहीं होते।