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30 September 2025

'भाजपा से गठबंधन नहीं...चाहिए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा', जम्मू कश्मीर राज्य के दर्जे पर बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अलग अलग मंचों से कई बार केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग दोहरा चुके हैं। हालांकि, अब मंगलवार को उन्होंने कहा कि इस काम के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के बजाय इस्तीफा देना पसंद करेंगे।

दरअसल, अनंतनाग जिले के अचबल क्षेत्र में एक कार्यक्रम में बोलते हुए अब्दुल्ला ने यह बात कहीं।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर आप (लोग) तैयार हैं, तो मुझे बताइए, क्योंकि मैं यह सौदा करने के लिए तैयार नहीं हूं। अगर भाजपा को सरकार में शामिल करना जरूरी है, तो मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लीजिए। यहां किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बना दीजिए और भाजपा के साथ सरकार बना लीजिए, मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं।"

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उन्होंने कहा, "क्या हमें भाजपा को सरकार में शामिल करना चाहिए था? ऐसी संभावना थी कि भाजपा को सरकार में शामिल करने से हमें कोई तोहफ़ा मिल सकता था। वे हमें पहले ही राज्य का दर्जा दे देते।"

2015 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) तैयार थे। भाजपा को सरकार से बाहर रखा जा सकता था। लेकिन भाजपा को प्रतिनिधित्व देने का बहाना बनाया गया।"

उन्होंने कहा, "उनकी सरकार ने भाजपा को शामिल किये बिना जम्मू को प्रतिनिधित्व दिया। हमने पीर पंजाल और जम्मू के निचले इलाकों को प्रतिनिधित्व दिया। आज उपमुख्यमंत्री जम्मू से हैं, वह भी भाजपा के शामिल हुए बिना।"

अब्दुल्ला ने कहा कि वह राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे, लेकिन ऐसा शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे।

उन्होंने कहा, "आप कितने युवाओं का खून बहते देखना चाहते हैं? मैं इसके लिए तैयार नहीं हूँ। हम लड़ेंगे, लेकिन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से। हम संविधान और कानून के दायरे में अपने अधिकार हासिल करेंगे, लेकिन मैं यहाँ के लोगों के घरों में तबाही लाने के लिए तैयार नहीं हूँ।"

लद्दाख की स्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां के लोगों ने 5 अगस्त, 2019 के फैसले का जश्न मनाया था, लेकिन अब वे विरोध कर रहे हैं और राज्य का दर्जा तथा छठी अनुसूची का दर्जा मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा, "लद्दाख के लोग अब कह रहे हैं कि उनके साथ जो हुआ वह गलत था। कारगिल के लोगों ने उस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया, लेकिन देखिए कि लेह में स्थिति कैसे बदल गई। जिन लोगों ने 5 अगस्त, 2019 के फैसले का जश्न मनाया था, वे आज उसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।"

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TAGS: Omar abdullah, jammu and kashmir, statehood, no alliance with BJP
OUTLOOK 30 September, 2025
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