दिल्ली सेवा अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक पर सरकार से कोई समझौता नहीं होगा: शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक और राज्यसभा सदस्य शरद पवार ने कहा कि दिल्ली सेवा अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक पर सरकार के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के जोरदार विरोध के बीच दिल्ली सेवा अध्यादेश के स्थान पर लोकसभा में विधेयक पेश किया था। विपक्षी दलों ने इस विधेयक को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया है।
संसद में भाजपा को घेरने की रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों की बैठक के दौरान पवार ने कहा कि दिल्ली सेवा अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक पर सरकार के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में मंगलवार को उक्त विधेयक पेश किया। यह विधेयक लागू होने पर उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को पलट देगा जिसमें दिल्ली की निर्वाचित सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर अधिकार दिये गये थे।
यह विधेयक कानून बनने के बाद उपराज्यपाल को यह अधिकार प्रदान करेगा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती में अंतिम निर्णय उनका ही होगा। कैबिनेट ने 25 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। विधेयक को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र के बीच तनातनी है।