नागारिकता कानून पर बोले अमित शाह, जितना भी राजनीतिक विरोध कर लें, मोदी सरकार अडिग
नागरिकता संशोधन कानून पर देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस कानून में कुछ भी गलत नहीं है और इसे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। विपक्ष को जो राजनीतिक विरोध करना है, वो करें। भाजपा और मोदी सरकार अडिग है।
एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी और सरकार चट्टान की तरह इस कानून के पीछे खड़ी है। बाहर से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को हमारी सरकार नागरिकता जरूर देगी। वे भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ दुनिया में रहेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष देश के लोगों को गुमराह कर रहा है। इस कानून के कारण कोई भी भारतीय अपनी नागरिकता नहीं खोएगा और यह कानून तीनों पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार बने अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने दोहराया कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई सवाल ही नहीं है। कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
राहुल गांधी पर साधा निशाना
अमित शाह ने कहा कि पिछले हफ्ते संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी प्राप्त इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल हैं। गृह मंत्री ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चाहे तो भी सावरकर नहीं बन सकते, क्योंकि इसके लिए बहुत बड़ी तपस्या, त्याग और तीव्र देशभक्ति चाहिए।
विपक्षी दलों ने कहा- आवाज दबा रही है सरकार
वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और पुलिस कार्रवाई पर विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जनता की आवाज दबा रही है। नॉर्थ ईस्ट और असम में भारी तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। डर है कि यह आग और फैल सकती है।