अब स्मृति ने जोड़ा यूपी से नाता, कहा मुरादाबाद की हूं
दिल्ली के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा आम है कि भारतीय जनता पार्टी असम की तरह यूपी में भी मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार घोषित कर चुनाव मैदान में जा सकती है। ऐसे में सीएम पद के दावेदारों में गाहे-बगाहे स्मृति का नाम भी चर्चा में आता है। इसे देखते हुए स्मृति द्वारा खुद को यूपी का बताना महज संयोग नहीं कहा जा सकता।
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला को दिए इंटरव्यू में ईरानी ने एक सवाल के दौरान यह बताया कि वह मूलतः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। ईरानी ने कहा कि भले ही उनका जन्म दिल्ली में हुआ हो मगर उनके पिता मुरादाबाद के रहने वाले थे और इस नाते वह खुद यूपी की हैं। इंटरव्यू के दौरान जब यह पूछा गया कि क्या वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं तो ईरानी ने कहा कि वह किसी पद की दौड़ में नहीं हैं मगर पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाएंगी। यानी उन्होंने न तो इस संभावना को स्वीकार किया और न ही अपनी तरफ से इसे खारिज किया। वैसे यहां यह बता देना प्रासंगिक होगा कि स्मृति यूपी के अमेठी से बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से चुनाव हार गई थीं और दिलचस्प है कि राहुल के बहनोई और अकसर कांग्रेस विरोधियों के निशाने पर रहने वाले रॉबर्ट वाड्रा भी मुरादाबाद के ही रहने वाले हैं।
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता अचानक से जिस तरह उत्तर प्रदेश से अपने संबंध बखानने लगे हैं उससे साफ है कि पार्टी अब धीरे-धीरे चुनावी मोड में आने लगी है। मोदी सरकार के दो साल पूरे होने वाले दिन जिन तीन नेताओं का चेहरा सबसे अधिक टीवी पर दिखा तीनों के यूपी से प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध हैं। सबसे पहले तो खुद नरेंद्र मोदी सहारनपुर की रैली में अपने दो साल के काम का हिसाब देते नजर आए। इसके बाद विभिन्न चैनलों पर स्मृति ईरानी इंटरव्यू देती नजर आईं और एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलकर खुद को यूपी का बता दिया। इसके अलावा तीसरा चेहरा जो नजर आया वो राजनाथ सिंह का था जो पूरी तरह यूपी वाले हैं ही।