Advertisement
09 October 2017

विपक्ष ने उठायी जय शाह के कारोबार की जांच की मांग, कहा- 'क्रोनी कैपिटलिज्म का मामला'

न्यूज वेबसाइट द वायर  की एक खबर पर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के कारोबार से जुड़ी खबर को लेकर सत्‍ता और विपक्ष आमने-सामने हैं। भाजपा की ओर से जहां इसे झूठा और अपमानजनक बताया जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट की ओर से इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला जा रहा है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “हमें आखिरकार नोटबंदी का एकमात्र लाभार्थी मिल ही गया। यह आरबीआइ, गरीब या किसान नहीं है। ये नोटबंदी के शाह-इन-शाह हैं। जय अमित।”

 

Advertisement

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक रविवार को सिब्बल ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा, “आज हम प्रधानमंत्री-प्रधान सेवक से सवाल पूछते हैं। अब आप क्रोनी कैपिटलिज्म के बारे में क्या कहेंगे?  क्या आप सीबीआइ को इस मामले की जांच का निर्देश देंगे? क्या आप प्रवर्तन निदेशालय को इन लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे?”

सिब्बल ने कंपनी रजिस्ट्रार की फाइलिंग का हवाला देते हुए निशाना साधा कि कुसुम फिनसर्व एलएलपी को मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा क्षेत्र में एक ठेका मिला, जबकि यह कंपनी स्टॉक ट्रेडिंग का काम करती है। इस कंपनी का 60 प्रतिशत हिस्सा जय के पास है।

 

इधर आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों की गहन जांच कराने और कार्रवाई करने की मांग की है। आप के नेता आशुतोष ने कहा, 2013 और 2014 में कंपनी घाटे में थी, कंपनी का रेवेन्यू  मात्र 50 हजार था और 2015-16 में रेवेन्यू आया 80.5 करोड़ रुपये। उन्होंने कहा कि अमित शाह से भी पूछताछ होनी चाहिए कि कहीं किसी राजनीतिक दबाव में तो उनके बेटे को फायदा नहीं पहुंचाया गया है।

 

उन्होंने मांग की कि अमित शाह के बेटे, जय शाह पर एफआइआर दर्ज होनी चाहिए, उनकी कम्पनी की भी जांच होनी चाहिए।

 

सीपीआइ (एम) नेता  सीताराम येचुरी ने कहा,  “जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था। क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा।”

 

‘द वायर’ ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों के आधार पर यह खबर की है। इस खबर का खंडन करते हुए जय शाह ने खबर लिखने वाली पत्रकार, द वायर के संपादकों और मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है। 

पीयूष गोयल ने किया आरोपों को खारिज

रविवार शाम को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोपों को खारिज किया और जय अमित शाह का एक बयान जारी किया। इसमें अमित शाह के बेटे ने कहा है कि वह खबर चलाने वाली खबरिया वेबसाइट के लेखक, संपादक और मालिक पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा करेंगे। जय शाह के बचाव में जिस तरह केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आगे बढ़कर सफाई दी, उसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। 

 

भाजपा अध्यक्ष शाह के बेटे की ओर से जारी बयान में कहा है कि ‘द वायर’ के आलेख में उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं। ऐसा करने के पीछे मंशा लोगों को यह बताना है कि उनके व्यवसाय को पिता अमित शाह के कारण 'सफलता' मिली है। जबकि उनके सभी व्यापार पूरी तरह से वैध और कानून के दायरे में हैं, इस बात की पुष्टि टैक्स रिकार्ड्स और बैंक ट्रांज़ेक्शन से होती है। लेख में एकदम झूठे इल्ज़ाम लगाये गए हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Opposition, demanded, inquiry, against, Amit Shah, son, Jai Shah, The case of 'Crony capitalism
OUTLOOK 09 October, 2017
Advertisement